लोकसभा चुनाव 2024 की आहट के साथ जम्मू-कश्मीर की सियासत भी अब गर्म होने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी सियासी सुरताल से लय का मिलान शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने ताजा बयान में कहा है कि आप मंदिर चाहे जितने बना लें, जितनी भी मस्जिद तोड़ना चाहें तोड़ दें लेकिन खुदा का रास्ता बंद नहीं होगा। संविधान बदल सकता है लेकिन कुरान नहीं बदल सकती।

राम मंदिर का जहां तक सवाल है तो मेरे लिए यह एक धर्म का मुद्दा है। एक श्रद्धा का मामला है। इस पर क्या कहा जाए। यह अच्छी बात है। भाजपा के 400 सीट पार नारे पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि तिलस्मी चिराग होता तो मैं बता देता कि ये नंबर आएगा। इनके पास एजेंसी है लेकिन अंतिम गिनती तो जनता करेगी। चुनाव परिणाम आने दीजिए पता चल लग जाएगा किसे कितनी सीटें मिलेंगी।

कश्मीर घाटी में धारा 370 हटने के बाद अगर हवा बदल गई है तो फिर चुनाव क्यों नहीं हुए हैं अब तक। फारूख अब्दुल्ला ने कहा है कि ये घाटी में शांति होने का राग अलाप रहे हैं लेकिन चुनाव न करा रहे। कांग्रेस ने पहले ही 370 को बहुत छोटा कर दिया। इसमें कुछ बचा ही नहीं था। शांति का दावा कर रहे हैं लेकिन फौजियों और पुलिस बल पर हमले हो रहे हैं। दावे का क्या किया जा सकता है।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले में पीएम मोदी का दिल बहुत बड़ा है। ये कोई छोटी बात नहीं है। यह नेक बात है कि चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम वीपी सिंह, इन्होंने स्वामीनाथन को भारत रत्न दिया गया। इन सभी नेताओं ने बहुत काम किया। अटल बिहारी वाजपेयी ने हमारे बहुत बड़े बड़े सितारों को भारत रत्न दिया था। यह अच्छी बात है कि आप उनकी पहचान करें, जिन्होंने लोगों के लिया काम किया है।

भारत एक ही फूल नहीं है। इसे ऐसे ही रहने दीजिए। भारत में कई धर्म हैं और आदिवासियों का अपना यहां एक अलग तरीका है। ये पहले भी किसानों के लिए बिल लाए थे। हमने इसका विरोध किया और फिर उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले वापस लेना पड़ा। UCC आने दीजिए फिर पता लगेगा किस तरह का रिएक्ट आता है।

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