पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए। वह मुख्य लाभार्थी हैं। उनके भतीजे ने 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन 26000 लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) की इसमें बड़ी भूमिका है।
इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के कारण नौकरी गंवाने वाले कुछ शिक्षकों से शनिवार को मुलाकात की और उन्हें कानूनी सहायता देने का वादा किया। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 2016 की भर्ती परीक्षा के इन ‘बेदाग’ योग्य उम्मीदवारों के सामने आई स्थिति के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। शीर्ष अदालत द्वारा 2016 की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने और पूरे पैनल को रद्द करने के बाद राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
नंदीग्राम के भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘आज मैं 20-25 शिक्षकों से मिला जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। वे दुखी हैं। मैंने उनसे कहा कि कानून आपके पक्ष में है। सत्य आपके पक्ष में है। मैंने कहा कि हम आपको कानूनी सहायता देंगे। केंद्रीय मंत्री और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि बनर्जी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बाद शिक्षकों की भर्ती मामले में जेल जाने वाली दूसरी मुख्यमंत्री होंगी। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी को अब सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर उनमें जरा भी जिम्मेदारी का अहसास बचा है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए… वह निश्चित रूप से जेल जाएंगी।’’