बांग्लादेश सरकार ने भारतीय उच्चायोग के समक्ष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। उसने कहा है कि ममता बनर्जी का ट्वीट भड़काऊ था और इसमें बांग्लादेश के आंतरिक मामलों को लेकर गलत बातें कही गई थीं।
बांग्लादेश सरकार ने बताया कि वह अपने देश में सामान्य स्थिति बनाने की कोशिश कर रही है, विशेषकर छात्रों की मौत पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणी भ्रामक है। इस तरह की टिप्पणी, विशेष रूप से लोगों को शरण देने का आश्वासन, कई लोगों को – खासकर आतंकवादियों और शरारती तत्वों को – घोषणा का फायदा उठाने के लिए उकसा सकती है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बांग्लादेशी शरणार्थियों को बंगाल में शरण देने वाले बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने ममता बनर्जी पर देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था।
तरुण चुघ ने कहा, “ममता बनर्जी अवैध घुसपैठियों को बसाने के लिए जुटी हुई हैं। रोहिंग्या, देश और बंगाल का संतुलन बिगाड़ रहे हैं। केंद्र सरकार सीएए के तहत देश में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को नागरिकता दे रही है, लेकिन, ममता बनर्जी उन्हें नागरिकता देने का विरोध कर रही हैं। यह रवैया उनके दोहरे मापदंड को दिखाता है। उन्होंने हमेशा देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने का काम किया है।”