कथित आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 60 से भी ज्यादा दिन से तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। सीबीआई मामले में वह 13 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली के कथित आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जो केस दायर किया गया, उसमें शनिवार को मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत खत्म हो गई। न्यायिक हिरासत और बढ़ाने के लिए आज मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी है।

राउज एवेन्यू कोर्ट से निकलते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहाकि, मोदी जी चाहे जितनी कोशिश कर लें, लेकिन दिल्ली में केजरीवाल जी का काम नहीं रोक पाएंगे।

शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एम.के. राउज एवेन्यू कोर्ट के नागपाल ने सिसोदिया को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि, प्रथमदृष्टया सबूत उनकी संलिप्तता के बारे में बहुत कुछ कहते हैं। न्यायाधीश ने यह भी कहा था कि, मनीष सिसोदिया की पत्नी की बीमारी उन्हें इस मामले में जमानत देने का कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले में प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने वाले सिसोदिया की क्षमता से इनकार करना असंभव है।

ईडी ने पहले न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया था कि, मनीष सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए गढ़े हुए ईमेल लगाए थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी। ईडी ने दावा किया कि, इन प्री-ड्राफ्ट ईमेल को भेजने के निर्देश दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जाकिर खान को दिए गए थे, जिन्होंने अपने इंटर्न से ईमेल भेजने के लिए कहा था।

जांच एजेंसी ने यह भी कहा था कि, मनीष सिसोदिया के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए दिए गए 60 दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं। इसने कहा कि उसे घोटाले में सिसोदिया की संलिप्तता का संकेत देने वाले नए सबूत मिले हैं और जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है।

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