दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को कहा कि मद्रासी कैंप में चलाया गया ध्वस्तीकरण अभियान अदालत के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि अदालत ने राजधानी में भविष्य में बाढ़ से संबंधित आपदाओं को रोकने के उद्देश्य से बारापुला नाले को साफ करने के लिए इस झुग्गी बस्ती को चार बार हटाने का आदेश दिया था। मुख्यमंत्री गुप्ता ने जोर देकर कहा कि मद्रासी कैंप के निवासियों को घर आवंटित किए गए हैं और उन्हें वहां स्थानांतरित कर दिया गया है।

पत्रकारों से बातचीत में गुप्ता ने कहा कि मैंने साफ तौर पर कहा है कि अगर कोर्ट ने कुछ आदेश दिया है तो न तो सरकार और न ही प्रशासन कुछ कर सकता है। मद्रासी कैंप को तोड़े जाने का सच यह है कि यह बारापुला नाले के किनारे बनाया गया था। कोर्ट ने चार बार इस झुग्गी बस्ती को हटाने का आदेश दिया था, ताकि नाले की सफाई के लिए मशीनें लगाई जा सकें। नहीं तो दिल्ली में 2023 जैसी बाढ़ फिर देखने को मिलेगी। कोर्ट के आदेश की कोई अवहेलना नहीं कर सकता। उस कैंप के निवासियों को घर आवंटित कर वहां शिफ्ट कर दिया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे कॉलोनी सहित अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। मामले का राजनीतिकरण करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि अगर किसी की जान चली गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा, “दिल्ली में तीन जगहों पर कार्रवाई की गई, जिसमें रेलवे कॉलोनी भी शामिल है, जो रेलवे ट्रैक के पास बसी एक झुग्गी बस्ती है। रेलवे ने कार्रवाई की। अगर किसी की जान चली जाती है तो कौन जिम्मेदार होगा? क्या सौरभ भारद्वाज, आतिशी या अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? कोर्ट जानता है कि वह क्या कर रहा है और इसलिए उसने आदेश दिए हैं।”

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