प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाले वाद की पोषणीयता को चुनौती देने के संबंध में दायर याचिका पर अगली सुनवाई की तिथि 20 मार्च तय की है। मूल वाद में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद, कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर बनाई गई है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने सुनवाई की अगली तिथि 20 मार्च निर्धारित की।
बुधवार को सुनवाई के दौरान, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुईं मुस्लिम पक्ष की वकील तसलीमा अजीज अहमदी ने कहा कि यह वाद समय सीमा से बाधित है। उन्होंने दलील दी कि उनके पक्ष ने 12 अक्टूबर, 1968 को एक समझौता किया था जिसकी पुष्टि 1974 में निर्णित एक दीवानी वाद में की गई। उनका कहना था कि एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा तीन वर्ष है, लेकिन वाद 2020 में दायर किया गया , इस तरह से मौजूदा वाद समय सीमा से बाधित है। अहमदी ने कहा कि यह वाद शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाने के बाद कब्जा लेने और मंदिर बहाल करने के लिए दायर किया गया है। उनका कहना था कि वाद में की गई प्रार्थना दर्शाती है कि वहां मस्जिद का ढांचा मौजूद है और उसका कब्जा प्रबंधन समिति के पास है।
उन्होंने कहा, “इस प्रकार से वक्फ की संपत्ति पर एक सवाल/विवाद खड़ा किया गया है । यहां वक्फ कानून के प्रावधान लागू होंगे और इस तरह से इस मामले में सुनवाई वक्फ अधिकरण के न्याय क्षेत्र में आता है न कि दीवानी अदालत के अधिकार क्षेत्र में।” पिछले वर्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़े सभी 15 मामले सुनवाई के लिए अपने पास मंगा लिए थे।