3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा की आग अभी भी शांत होने का नाम नहीं ले रही है। मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के सावोमबुंग इलाके में एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उग्रवादियों ने उसका चेहरा भी बिगाड़ दिया गया। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। उनके मुताबिक करीब 50 साल की एक महिला को उसके घर पर कुछ हथियारबंद उपद्रवियों ने चेहरे पर गोली मार दी। मणिपुर में हिंसा का दौर अभी भी जारी है और इंटरनेट बैन अगले पांच दिन तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।

लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक इस हिंसा में 140 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। केंद्र की मोदी और राज्य की बिरेन सरकार अब तक इस मसले पर पूरी तरह विफल दिखी है।

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