मणिपुर में पिछले दो महीने से हिंसा का दौर जारी है। भारतीय सेना के लिए महिला कार्यकर्ता इन दिनों सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आई हैं। कई जगहों पर महिलाओं की भीड़ सुरक्षाबलों को घेर रही है। महिलाएं उग्रवादियों की ढाल बन रही हैं।
ऐसे में अब भारतीय सेना ने कहा कि मणिपुर में महिला कार्यकर्ता संकटग्रस्त राज्य में उसके शांति अभियान को रोक रही हैं और शांति बहाल करने के उनके प्रयासों में हस्तक्षेप कर रही हैं।
सेना ने एक वीडियो जारी कर इन महिलाओं से मदद करने की अपील की है। सेना ने कहा कि हमारे जवान ऑपरेशन के दौरान बार-बार भीड़ से पीछे हटने की अपील की है लेकिन सारी कोशिश नाकाम हो रही है।
भारतीय सेना ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ”मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर हमारे रास्ते को रोक रही हैं और सुरक्षा बलों के संचालन में हस्तक्षेप कर रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे कामकाज के लिए हानिकारक है। भारतीय सेना आबादी के सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है। मणिपुर की मदद करने में हमारी मदद करें।”
Women activists in #Manipur are deliberately blocking routes and interfering in Operations of Security Forces. Such unwarranted interference is detrimental to the timely response by Security Forces during critical situations to save lives and property.
🔴 Indian Army appeals to… pic.twitter.com/Md9nw6h7Fx— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 26, 2023
अभी इसी हफ्ते मणिपुर के इथम गांव में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के दौरान महिलाओं और एक स्थानीय नेता के नेतृत्व में लगभग 1,500 लोगों की भीड़ ने सेना को घेर लिया था। इस उग्र भीड़ की वजह से सेना को 12 उग्रवादियों को रिहा करना पड़ा था। ये 12 उग्रवादी विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) के थे।
सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि खुफिया सूचनाओं के आधार पर 24 जून की दोपहर लगभग ढाई बजे हमने इम्फाल पूर्व के इथम गांव में एक ऑपरेशन शुरू किया था। जैसे ही ये ऑपरेशन खत्म हुआ महिलाओं और स्थानीय नेता के नेतृत्व में 1200 से 1500 की भीड़ हमारे जवानों को घेर लिया और हमारा ऑपरेशन रोक दिया। उन्होंने हमारे सामने पकड़े गए 12 उग्रवादियों को छोड़ने की शर्त रखी, जो हमें माननी पड़ी थी। बाद में सुरक्षा बलों ने घेरा हटाकर क्षेत्र छोड़ दिया और विद्रोहियों से हथियार जब्त किया था।