मणिपुर में दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाए जाने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। मणिपुर पुलिस के मुताबिक, सोमवार को थौबल जिले से मामले में 7वीं गिरफ्तारी की गई। बता दें कि दोनों महिलाओं को न्यूड घुमाए जाने का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था। वीडियो चार मार्च यानी मणिपुर में हिंसा भड़कने के एक दिन बाद की बताई गई है।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) का आरोप है कि यह घटना 4 मई को राज्य की राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। हालांकि, कांगपोकपी में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज होने के बावजूद, पुलिस का कहना है कि घटना एक अलग जिले में हुई थी।
घटना का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद यानी 20 जुलाई को पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की थी। उस दिन बाद में तीन और गिरफ़्तारियां की गईं। पुलिस ने कहा कि शनिवार (22 जुलाई) को गिरफ्तार किया गया पांचवां आरोपी 19 वर्षीय है, जबकि हिरासत में लिया गया छठा व्यक्ति नाबालिग है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में भड़की हिंसा के बाद से अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मणिपुर में संघर्ष ने संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही को हिलाकर रख दिया है। विपक्षी सांसदों का एक समूह संसद भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दे रहा है और मांग कर रहा है कि सरकार राज्य में जातीय झड़पों पर बहस की अनुमति दे।
गुरुवार को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्षी नेता मणिपुर मुद्दे पर बिना किसी समय की बाधा के स्वतंत्र और निर्बाध बहस की मांग कर रहे हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमारी मांग है कि पीएम को सदन में आकर बयान देना चाहिए। हम उस बयान पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। आप बाहर बोल रहे हैं लेकिन अंदर नहीं, यह संसद का अपमान है। यह एक गंभीर मामला है।”
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए, भाजपा ने यह दावा करते हुए पलटवार किया कि विपक्ष मणिपुर पर बहस से बच रहा है और अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर उनकी “गंभीर चुप्पी” की आलोचना की।