सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष के बीच हर देश अपने नागिरकों की सुरक्षित वापसी की कोशिशों में जुटा है। इसी कड़ी में भारत ने भी अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए मिशन ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। ऑपरेशन कावेरी के तहत सरकार द्वारा रविवार को हिंसा प्रभावित सूडान से और 229 भारतीय नागरिकों को निकाला गया और घर वापस लाया गया। ऑपरेशन कावेरी के तहत भारत अपने नागरिकों को खार्तूम और अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों से बसों में बचाकर पोर्ट सूडान ले जा रहा है, जहां से उन्हें भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान और भारतीय नौसेना के जहाजों में जेद्दा ले जाया जा रहा है।
हिंसा प्रभावित सूडान से फंसे भारतीयों को निकालने के अपने मिशन के तहत भारत 30 अप्रैल को 229 लोगों का एक और जत्था स्वदेश लाया। 365 लोगों के अफ्रीकी देश से दिल्ली लौटने के एक दिन बाद निकासी का ताजा जत्था बेंगलुरु पहुंचा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा, #ऑपरेशन कावेरी एक और उड़ान 229 यात्रियों को वापस बेंगलुरु लेकर आई। निकासी मिशन के तहत, 28 अप्रैल को दो बैचों में 754 लोग भारत पहुंचे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से स्वदेश लाए गए भारतीयों की कुल संख्या अब 1,954 है। भारतीयों को सऊदी अरब के शहर जेद्दा से वापस लाया गया था, जहां भारत ने निकासी के लिए एक ट्रांजिट कैंप स्थापित किया है। 360 निकासी का पहला जत्था 26 अप्रैल को एक वाणिज्यिक विमान से नई दिल्ली लौटा। 246 भारतीय निकासी का दूसरा जत्था 27 अप्रैल को भारतीय वायु सेना (IAF) के C17 ग्लोबमास्टर विमान में मुंबई पहुंचा।
ऑपरेशन कावेरी के तहत, भारत अपने नागरिकों को खार्तूम और अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों से बसों में बचाकर पोर्ट सूडान ले जा रहा है, जहां से उन्हें भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान और भारतीय नौसेना के जहाजों में जेद्दा ले जाया जा रहा है।
जेद्दा से भारतीयों को वाणिज्यिक उड़ानों या भारतीय वायुसेना के विमानों में घर लाया जा रहा है। भारत ने जेद्दा और पोर्ट सूडान में अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं और खार्तूम में भारतीय दूतावास उनके साथ और दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय के साथ समन्वय कर रहा है।