केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए कृतसंकल्पित है। यहां एमएसएमई मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए ‘‘यशस्विनी’’ अभियान को आरंभ करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा की यशस्विनी का मतलब सफल, गौरवशाली और प्रतिभाशाली महिला है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि भारत 2047 तक विकसित भारत बने, जिसके लिए आवश्यक है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और इन उद्योगों में महिलाओं की सहभागिता और महत्वपूर्ण भूमिका हो।

मांझी ने कहा कि हाल में भारत सरकार ने 80 प्रतिशत तक की दिव्यांग महिलाओं को 25 लाख रुपये तक का ऋण देने का निर्णय लिया है। उन्होने देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं का बड़ा योगदान होने का दावा करते हुए कहा कि वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग स्थापित कर स्वरोजगार को बढ़ावा दे सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने महिला सशक्तीकरण पर बल देते हुये कहा कि आज महिलायें अंतरिक्ष, सेना, राजनीति, विज्ञान सहित हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, आवश्यकता है कि समाज उन्हें और प्रोत्साहित करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि अभियान के अंतर्गत महिलाओं को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा और उद्योग लगाने के लिए उन्हें वित्तीय संस्थाओं से जोड़ा जाएगा। इस अवसर राजस्थान सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के राज्य मंत्री के के विश्नोई ने कहा कि इस अभियान से महिलाओं को उद्यम के क्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलेगा। केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ रजनीश ने कहा कि यहां शीघ्र ही 150 करोड़ रुपये की लागत से ‘टेक्नोलॉंजी पार्क’ विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चार करोड़ 70 लाख एमएसएमई उद्योग पंजीकृत हैं जिनमें 20 से 30 प्रतिशत महिला उद्यमी हैं और उसे 50 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य है।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights