भारत ने दो गोल से पिछड़ने के बाद कप्तान हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई में शानदार वापसी करके शनिवार को यहां मलेशिया को 4-3 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) हॉकी प्रतियोगिता का खिताब जीता और हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए अपनी तैयारियों का पुख्ता सबूत पेश किया।

भारत तीसरे क्वार्टर के अंतिम मिनट तक 1-3 से पीछे चल रहा था लेकिन इसके बाद उसने आखिरी 16 मिनट में मैच का पासा पलटने में देर नहीं लगाई। भारत ने पहले 30 सेकंड के अंदर दो गोल किए और फिर आखिरी क्वार्टर में निर्णायक बढ़त हासिल की। भारत का यह चौथा खिताब है और उसने पाकिस्तान (तीन खिताब) को पीछे छोड़ा।

भारत के लिए जुगराज सिंह (नौवें मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (45वें), गुरजंत सिंह (45वें) और आकाशदीप सिंह (56वें) ने जबकि  मलेशिया की तरफ से अबू कमाल अजराई (14वें),  रहीम राजी (18वें) और मोहम्मद अमीनुदीन (28वें)  ने गोल किए।

मलेशिया ने खेल शुरू होते हैं दबाव बनाने की रणनीति अपनाई तथा उसके स्टार खिलाड़ी अजराई ने पहले मिनट में ही भारतीय गोल में सेंध लगाने की नाकाम कोशिश की।

भारतीय टीम ने हालांकि जल्द ही अपनी लय पकड़ी और आठवें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया जिसे जुगराज ने ताकतवर ड्रैग फ्लिक से गोल में बदला। कप्तान हरमनप्रीत सिंह उस समय मैदान में नहीं थे लेकिन जुगराज ने उनकी कमी नहीं खलने दी।

मलेशिया ने हालांकि भारत की बढ़त ज्यादा देर तक नहीं रहने दी। अजुआन हसन ने सर्किल के बाहर गेंद पर नियंत्रण बनाया और उसे गोलमुख के पास खड़े अजराई तक पहुंचाया जिन्होंने गोल करने में कोई देरी नहीं लगाई।

भारत ने पहले क्वार्टर के आखिरी क्षणों में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन हार्दिक सिंह के खराब प्रयास से वह उनका फायदा नहीं उठा पाया।

मलेशिया ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी शुरुआत की तथा उसके जवाबी हमले के सामने भारत अपनी लय खो बैठा। मलेशिया ने जल्द ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारत ने रेफरी के इस फैसले पर अपना एक रेफरल भी गंवाया। रहीम राजी ने इस पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मलेशिया को पहली बार बढ़त दिलाई।

भारत को 21वें मिनट में बराबरी करने का मौका मिला था लेकिन विवेक सागर के करारे शॉट को मलेशिया के गोलकीपर हफीजुद्दीन ओथमान ने अपने हाथों से रोक दिया।

मलेशिया ने हमलावर तेवर अपनाए और चार मिनट के अंदर दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। मोहम्मद अमीनुदीन ने इनमें से दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके मलेशिया को मध्यांतर तक 3-1 से आगे रखा।

भारत ने तीसरे क्वार्टर के शुरू में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन हरमनप्रीत और जुगराज उन पर गोल नहीं कर पाए। भारतीय टीम ने इसके बाद भी गोल करने के प्रयास किए। खेल के 40वें मिनट में आकाशदीप सिंह के पास मौका था लेकिन वह फाउल कर बैठे। इस बीच मलेशिया ने भी जवाबी हमलों से भारतीय रक्षकों को व्यस्त रखा।

मलेशिया 43वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर का फायदा नहीं उठा पाया। भारत ने इसके तुरंत बाद जवाबी हमला किया लेकिन जरमनप्रीत सिंह का शॉट क्रॉसबार के ऊपर से बाहर चला गया।

भारत ने हालांकि तीसरे क्वार्टर के अंतिम पलों में कुछ सेकंड के अंदर दो गोल करके स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। भारत को पहले पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदला।     भारतीय कप्तान ने इसके तुरंत बाद गेंद पर नियंत्रण बनाया और उसे गोलमुख के पास खड़े गुरजंत तक पहुंचाया जिन्होंने उस पर आसानी से गोल कर दिया।

भारत ने बुलंद हौसलों के साथ चौथे क्वार्टर में कदम रखा। उसके पास 52वें मिनट में बढ़त हासिल करने का सुनहरा मौका था लेकिन सुखजीत सिंह मलेशिया के गोलकीपर को नहीं छका पाए।
आकाशदीप ने हालांकि इसके चार  मिनट बाद भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई। तब मनदीप सिंह का शॉट मलेशिया के रक्षक ने रोक दिया था लेकिन गेंद आकाशदीप के पास चली गई जिनके ताकतवर शॉट का मलेशिया के गोलकीपर के पास भी कोई जवाब नहीं था।

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