कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन में सेवा दे चुकी भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन को एक प्रतिष्ठित सैन्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने उन्हें ‘‘सच्चा नेता और आदर्श’’ बताया।
कांगो गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन में सेवा दे चुकीं मेजर सेन को 30 मई को अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक दिवस के मौके पर यहां विश्व निकाय के मुख्यालय में गुतारेस द्वारा प्रतिष्ठित ‘2023 यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ प्रदान किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मेजर सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं।
हिमाचल प्रदेश में 1993 को जन्मी मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं। उन्होंने बायोटेक इंजीनियर के तौर पर स्नातक किया। जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया था, उस समय वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई से परास्नातक की पढ़ाई कर रही थीं।
वह मेजर सुमन गवानी के बाद इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाने वाली दूसरी भारतीय शांति रक्षक हैं। मेजर गवानी ने दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन में सेवा दी थी और उन्हें 2019 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मेजर सेन को उनकी सेवा के लिए बधाई देते हुए गुतारेस ने कहा कि वह एक ‘‘सच्ची नेता और आदर्श हैं। उनकी सेवा समग्र रूप से संयुक्त राष्ट्र के लिए एक योगदान है।’’
इस पुरस्कार की घोषणा के बाद मेजर सेन ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार मेरे लिए खास है क्योंकि यह कांगो गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहे सभी शांतिरक्षकों की कड़ी मेहनत को पहचान देता है।’’
अभी संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिला सैन्य शांतिरक्षकों में भारत का 11वां सबसे बड़ा योगदान है।