असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर तीखा हमला बोला है। जिस तरह से बराक ओबामा ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को लेकर बयान दिया था, उसके बाद भाजपा के कई नेताओं ने उनपर तीखा हमला बोला है।
इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार के कई मंत्री अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर हमला करने के लिए तैयार हैं, लेकिन एक भी नेता चीन या मणिपुर हिंसा पर बयान नहीं दे रहा है।
आशा करता हूं कि मोदी जी अपनी विदेश यात्रा से इन नेताओं को शक्ति देंगे कि वह अब चीन का भी नाम लेकर उसपर हमला करेंगे। ये लोग मणिपुर में चल रही हिंसा पर बोलेंगे जहां पिछले 8 हफ्तों से हिंसा चल रही है।
ओवैसी ने मणिपुर हिंसा पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि 4000 से अधिक हथियार शस्त्रागार से लोग उठा ले गए और कोई एक आदमी भी इसपर नहीं बोला, अगर कश्मीर में कुछ इस तरह का हुआ होता या फिर किसी गैर भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो मीडिया में हल्ला हो रहा होता। आखिरकार यह नया भारत है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं निर्मला सीतारमण को बताना चाहता हूं कि भारतीय मुसलमानों का सऊदी अरब, ईरान, मिस्र से कोई संबंध नहीं है। हम भारतीय मुस्लिम हैं, हम अंबेडकर, देश के संविधान पर भरोसा करते हैं।
भारतीय मुसलमानों ने 1947 में फैसला लिया था कि वह भारत में रहना चाहते हैं। पीएम मोदी आप मिस्र के मस्जिद में जा रहे हैं, आइए कभी काशी की मस्जिद में। आप भारत के पीएम हैं, मिस्र के नहीं।
हाल ही में पीएम मोदी की अमेरिका की यात्रा खत्म हुई है। इस दौरान ओबामा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर मैं पीएम मोदी से बात कर पाता तो मैं उनके सामने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों का मसला जरूर उठाता, क्या उनके अधिकार भारत में सुरक्षित हैं। ओबामा के इस बयान के बाद भाजपा के कई नेताओं ने उनपर तीखा हमला बोला। हिमंत बिस्वा सरमा ने उन्हें हुसैन ओबामा तक कह दिया था।
वहीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका ने कई मुस्लिम देशों सीरिया, सऊदी अरब, ईराक, येमेन में बमबारी की थी। मुझे लगता है कि इस तरह का बयान जानबूझकर दिया गया है कि क्योंकि ये लोग पीएम मोदी की विकास की नीतियों से जीत नहीं पा रहे हैं।