भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (General Secretary of CPI-ML Dipankar Bhattacharya) ने पटना में विपक्ष की बैठक में केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस के टाल-मटोल के आरोप को शुक्रवार को अप्रत्यक्ष रूप से खारिज कर दिया।
पटना में आयोजित विपक्ष की बैठक में शामिल दीपांकर (Dipankar Bhattacharya) ने जोर देकर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इस बैठक में कांग्रेस सहित सभी दलों ने केन्द्र के अध्यादेश की निंदा की।
बैठक के बाद प्रेस वार्ता में वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस सहित सभी दलों ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के विवादास्पद अध्यादेश का विरोध किया। यह अध्यादेश संविधान के खिलाफ है और इसे एक निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने के लिए लाया गया है’’।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें यकीन है कि कांग्रेस ने भी अध्यादेश की आलोचना की है, दीपांकर ने कहा, ‘‘बेशक’’।
बैठक के बाद जारी एक बयान में आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि बैठक में कई पार्टियों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया जबकि कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
बैठक में केजरीवाल के अलावा आप प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि आप नेताओं ने दोपहर के भोजन के बाद प्रेस वार्ता में शामिल न होकर अपनी वापसी उड़ान में सवार होने का विकल्प चुना।