आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उस सरकारी गवाह की विदेश यात्रा का विरोध किया था जिसकी गवाही पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था।
सिंह ने ऐसा करने में एजेंसी की मंशा पर सवाल उठाया और समर्थन में एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने हैदराबाद स्थित अरबिंदो फार्मा के गैर-कार्यकारी निदेशक पी. शरत चंद्र रेड्डी की विदेश यात्रा का केजरीवाल की गिरफ्तारी से तीन महीने पहले एक अदालत में विरोध किया था।
आरोप को लेकर ईडी की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सिंह ने पूछा, “दिलचस्प बात यह है कि ईडी ने अपने गवाह शरत रेड्डी की विदेश यात्रा का इस आधार पर विरोध किया कि वह मामले का समर्थन करने के लिए भारत नहीं लौट सकते।”
सिंह ने कहा, “जब आपने उससे झूठा बयान लिखवाया है तो वह कैसे आएगा? वह आपकी जांच में क्यों शामिल होंगे? और अगर होंगे भी तो केजरीवाल जी के खिलाफ क्या सबूत देंगे जब उनके पास कोई सबूत ही नहीं है?”
आबकारी नीति से संबंधित घोटाले में आम आदमी पार्टी नेता सिंह भी आरोपी हैं। उन्होंने उच्चतम न्यायालय से मामले को संज्ञान में लेने और विचार करने का आग्रह किया कि “कैसे एक मनगढ़ंत, आधारहीन मामला बनाया गया था”।
उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है, जिसने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा है।
उच्च न्यायालय द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद संघीय एजेंसी ने धन शोधन से संबंधित मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था
वह 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।