अयोध्या। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में अयोध्या के संत उतर गए हैं। सोमवार को अयोध्या में अयोध्या के कई बड़े संतों ने एक साथ बैठकर बैठक की ओर 5 जून को होने वाली राम कथा पार्क में जनचेतना महारैली के एजेंडे को लेकर चर्चा की। संतों की इस बैठक में यह निष्कर्ष निकल कर आया है कि इस बैठक में संतों के अलावा रिटायर्ड जज और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक के बाद केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को एक मांग पत्र भेजा जाएगा, जिसमें पास्को एक्ट से संबंधित इस क्लाज को हटाने की मांग की जाएगी जिसके अनुसार, आरोपी को सफाई देने का मौका नहीं मिलता और उसके पहले उसकी गिरफ्तारी हो जाती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में शामिल अधिकतर संतों का मानना है कि पास्को एक्ट तो बेहतर है लेकिन, इसका दुरुपयोग हो रहा है। जिसके कारण किसी भी व्यक्ति को अपने बचाव का मौका नहीं मिलता और वह कलंकित हो जाता है और जेल चला जाता है। इसलिए पास्को एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए व्यक्ति को अपना पक्ष रखने का प्रावधान किया जाए और इसके विरुद्ध पास्को एक्ट के उस क्लाज को हटा लिया जाए, जो आरोपी को अपना पक्ष रखने की अनुमति दिए बिना गिरफ्तारी की बात कहता है।
बताया जा रहा है कि इसी मुद्दे को लेकर 5 जून को अयोध्या समेत देश के कई बड़े संत राम कथा पार्क के मंच पर मौजूद रहेंगे, जिनके साथ रिटायर्ड जज और कई गणमान्य व्यक्ति भी रहेंगे। जिनके संयुक्त हस्ताक्षर से एक पत्र केंद्र सरकार और राष्ट्रपति महोदया को भेजा जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि दुरुपयोग को देखते हुए पास्को एक्ट के उस प्रावधान को समाप्त किया जाए जो आरोपी को अपना पक्ष रखने की अनुमति दिए बिना गिरफ्तारी की बात कहता है।
आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर छेड़खानी की धारा 354 के साथ पास्को एक्ट भी लगाया गया है। पास्को एक्ट नाबालिग बच्चों से सेक्सुअल हैरेसमेंट रोकने के लिए बनाया गया कानून है। इस कानून के अनुसार आरोपी को पुलिस बेल नहीं दे सकती। पुलिस को पहले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजना होता है उसके बाद ही जांच आगे बढ़ती है।अयोध्या के संत इसी का विरोध कर रहे हैं और पास्को एक्ट से इसी प्रावधान को हटाने के लिए लामबंद हुए हैं।