नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी एवं दिल्ली प्रदेश भाजपा की लीगल सेल की सह-संयोजक बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली की महिलाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली महिला आयोग की मुखिया स्वाति मालीवाल से भी सवाल पूछा है कि क्या वो केजरीवाल सरकार के इस रवैये का समर्थन करती है।
बृजभूषण शरण सिंह मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा ‘‘दोहरा मानदंड” अपनाने के आरोप को खारिज करते हुए पार्टी नेता बांसुरी स्वराज ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच के बाद न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी। दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने इस आरोप का खंडन किया कि उनकी पार्टी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सिंह पर ‘‘दोहरे मानदंड” का पालन कर रही है। सिंह पर कुछ महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। इस मामले में अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
स्वराज ने कहा, ‘‘मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और अब यह पुलिस के अधिकार क्षेत्र में है। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि जांच के बाद न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी।” दिल्ली पुलिस ने कुछ महिला पहलवानों की शिकायत पर सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। सिंह ने आरोपों से इनकार किया है। स्वराज को इस साल मार्च में भाजपा की दिल्ली इकाई के कानूनी प्रकोष्ठ का सह-संयोजक नियुक्त किया गया था।
बांसुरी स्वराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल तीन सप्ताह से राजनीतिक भारत भ्रमण में लगे हैं। लेकिन वहीं दिल्ली में 20 मामलों में जहां बच्चों के साथ दुष्कर्म हुआ है,पोक्सो मामलों की फाइल 9 महीने से धूल फांक रही है। इन मामलों में न तो सीनियर प्रोसिक्यूटर नियुक्त हुए और न ही पब्लिक प्रोसिक्यूटर।
बांसुरी स्वराज ने जस्टिस डिले जस्टिस डिनाइड की बात कहते हुए कहा कि एक साल में केस समाप्त होना चाहिए लेकिन जब पब्लिक प्रोसिक्यूटर ही नियुक्त नही हुए तो मामले कैसे आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने के लिए धन्यवाद कहते हुए आगे कहा कि अब एलजी ने नियुक्ति के मामलों में तेजी दिखाई है। केजरीवाल महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन काम नहीं करते हैं और जब केजरीवाल काम नही करते है तो महत्वपूर्ण फाइल्स मंत्रियों के चक्रव्यूह में फंस जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि क्रिमिनल लॉ की पहली कड़ी कहती है कि क्राइम समाज के खिलाफ होता है इसलिए इस देरी के लिए केजरीवाल सरकार को तुरंत अपनी सफाई देनी चाहिए।