उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हुआ, वो बीजेपी का निजी कार्यक्रम था। इसके कारण अन्य राजनैतिक पार्टियों ने दूरी बनायी, अब तो कोई भी अयोध्या जा सकता है, जो भगवान के रुप में स्थापित हैं, उसके अंदर प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हम कौन हैं। कल का कार्यक्रम धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बीजेपी का राजनैतिक ड्रामा था।
कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा कि अपने परिवार में मरने वालों की लाशों में प्राण प्रतिष्ठा कर दो, वो अमर हो जाएंगे। यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाए, तो कोई जीवित क्यों नहीं हो सकता, जो खुद भगवान हैं, सबका कल्याण करते हैं। हम इंसान की क्या हैसियत उनकी प्राण प्रतिष्ठा कर सके। ये सब ढोंग और आडम्बर है। इसका मतलब है हम भगवान के अस्तित्व को नकार रहे हैं। भगवान राम हजारों वर्ष से पूजे जा रहे हैं, उनके करोड़ों भक्त हैं।
मौर्य ने कहा कि सालों से करोड़ों लोग उन्हें(श्रीराम) अपना आराध्य मानते हैं। ऐसे में उनके प्राण प्रतिष्ठा का कोई औचित्य नहीं था। अभी मंदिर पूरी तरीके से निर्मित नहीं हुआ है। मंदिर का निर्माण आधा ही हुआ है। सभी शंकराचार्यों ने भी यह बात कही कि आधे-अधूरे निर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने का कोई औचित्य नहीं है।
वहीं, मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पहले भी बीएसपी सुप्रीमो मायावती का सम्मान किए और आगे भी उनका सम्मान करते रहेंगे। मायावती क्या बोलती हैं ये वो जानें लेकिन, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने हमेशा उन्हें सम्मान दिया है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए प्रस्ताव रखा है। मायावती आएं। उनका स्वागत है। वह क्यों नहीं आ रही हैं इसका जवाब वही दे सकती हैं।