छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा पर मंगलवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान दो कोबरा कमांडो समेत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कम से कम तीन जवान शहीद हो गए और 15 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन शहीद जवानों में दो कोबरा की 201वीं बटालियन के और एक जवान सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन का है।
उन्होंने कहा कि पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि मुठभेड़ में कम से कम छह नक्सली भी मारे गए हैं। उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी।
सीआरपीएफ की ‘कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन’ (कोबरा) जंगल में युद्ध अभियान संचालित करने वाली एक इकाई है।
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी। ने बताया कि यह घटना बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित टेकलगुडेम गांव के समीप उस वक्त हुई, जब सुरक्षाकर्मियों का एक संयुक्त दल तलाशी अभियान पर था।
उन्होंने बताया कि सोमवार को राजधानी रायपुर से करीब 450 किलोमीटर दूर अंतर-जिला सीमा पर माओवादियों का गढ़ माने जाने वाले टेकलगुडेम में सुरक्षाकर्मियों का एक नया शिविर स्थापित किया गया था।
उन्होंने बताया कि शिविर स्थापित करने के बाद विशेष कार्य बल, जिला रिजर्व बल और कोबरा के कर्मी जोनागुड़ा-अलीगुड़ा गांवों के समीप तलाशी अभियान चला रहे थे तभी नक्सलियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
सुंदरराज ने बताया कि नक्सलियों को जब पता चला कि सुरक्षा कर्मी उन्हें घेर रहे हैं तो वे घटनास्थल से फरार हो गए।
उन्होंने कहा, ‘‘घटना में तीन जवान शहीद हो गए और 15 अन्य घायल हो गए हैं। मृतकों में से दो कोबरा की 201वीं बटालियन के और एक जवान सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन का था।’’
उन्होंने बताया कि घायल जवानों को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अप्रैल 2021 में भी इसी टेकलगुडेम जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
सुंदरराज ने बताया कि मृतक जवानों में कांस्टेबल देवन सी और पवन कुमार कोबरा की 201वीं बटालियन के थे और कांस्टेबल लम्बघर सिन्हा सीआरपीएफ की 150वीं बटालिन के थे। उन्होंने बताया कि सभी घायल कर्मी कोबरा की 201वीं बटालियन के हैं।
आईजी ने बताया कि घायलों में उप कमांडेंट लखवीर और सहायक कमांडेंट राजेश पांचाल शामिल हैं। बाकी घायलों में से चार हेड कांस्टेबल और नौ कांस्टेबल हैं।
उन्होंने बताया कि आठ घायल कर्मियों को हवाई मार्ग से रायपुर ले जाया गया और दो अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि सात अन्य का बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि सभी की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
सुंदरराज ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 में हुई घटना में 23 सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने के बावजूद सुरक्षा बलों ने वीरतापूर्वक इलाके में प्रवेश किया और विकास कार्यों में मदद और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए एक शिविर लगाया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘इस घटना के बावजूद हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है। हम पीछे नहीं हटेंगे। हम आने वाले दिनों में और मजबूती से यह लड़ाई लड़ेंगे। हम नक्सलियों को उचित जवाब देंगे और हमारे निरंत प्रयासों से इलाके में उनका नियंत्रण खत्म हो जाएगा।’’
सुंदरराज ने बताया कि पुलिस को मुठभेड़ में कम से कम छह नक्सलियों की मौत की सूचना मिली है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सली हमले की निंदा की और तीन जवानों के शहीद होने पर गहन शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी घायलों जवानों से मुलाकात करने के लिए यहां अस्पतालों का दौरा किया।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने तथा स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के लिए सुरक्षाकर्मी नए शिविर लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में सुरक्षाबलों के बढ़ते प्रभाव के कारण अपना आधार गंवाने से माओवादी निराश हो गए हैं और इसलिए वे कायरतापूर्ण कृत्यों को अंजाम दे रहे हैं।’’
साय ने कहा, ‘‘हम हर हालात में अपने जवानों के साथ खड़े हैं। हम वामपंथी चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। पूरा राज्य शहीद जवानों के परिवारों के साथ है।’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि माओवादियों ने हमले में देसी रॉकेट के आकार के बीजीएल नामक बैरल दागे और भारी गोलाबारी की।
बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) एक देसी हथियार होता है जिसे नक्सलियों ने 2021 में बनाया था।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि नक्सलियों ने मंगलवार को टेकलगुडेम में हमले में ऐसे दर्जनों बीजीएल का इस्तेमाल किया।