बांग्लादेश में पुराने ढाका के तांती बाजार इलाके में शुक्रवार रात दुर्गा पूजा मंडप में एक देशी बम कथित रूप से फेंका गया। इसके बाद आग लग गयी और कुछ लोग घायल हो गए। अखबार ‘प्रथम आलो’ ने यह खबर दी।
बांग्लादेश में एक अक्टूबर से शुक्रवार तक दुर्गा पूजा उत्सव से संबधित करीब 35 अप्रिय घटनाएं सामने आयीं और 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद मोइनुल इस्लाम के हवाले से यह जानकारी दी।
भारत ने दुर्गा पूजा पंडाल पर हमले और काली मंदिर में चोरी की खबरों पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त करते हुए बांग्लादेश सरकार से अपने देश में हिंदुओं, अन्य सभी अल्पसंख्यकों और उनके उपासना स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
बांग्लादेश की 17 करोड़ की आबादी में महज आठ फीसदी हिंदू हैं।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार की तांतीबाजार की घटना और ढाका से लगभग 270 किलोमीटर दूर सतखीरा में जेशोरेरी काली मंदिर से सोने के मुकुट की चोरी का हवाला देते हुए दुर्गा पूजा मंडपों पर हमले की खबरों पर ‘गंभीर चिंता’ जताई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इन घटनाओं को ‘ निंदनीय’ बताया तथा कहा कि ये घटनाएं बांग्लादेश में मंदिरों और देवताओं को ‘अपवित्र करने की एक योजनाबद्ध साजिश’ के तहत हो रही हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘हम बांग्लादेश सरकार से खासकर इस पावन त्योहार के समय हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों तथा उनके उपासना स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।’
इससे पहले बृहस्पतिवार को करीब छह लोगों ने ढाका से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में चटगांव के जात्रा मोहन सेन हॉल में एक दुर्गा पूजा मंडप के मंच पर इस्लामी क्रांति का आह्वान करते हुए एक गीत गाया, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया।
यूनुस ने ढाकेरी मंदिर का जायजा लिया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनूस ने प्रमुख दुर्गा पूजा समारोह में हमले की खबर के बाद ढाकेरी मंदिर का दौरा किया। मंदिर में कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार बांग्लादेश को इस तरह गढ़ना चाहती है जहां हर नागरिक के अधिकार सुनिश्चित होंगे।
‘द डेली स्टार’ के मुताबिक युनूस ने ढाकेश्वरी मंदिर में एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार बांग्लादेश को इस तरह गढना चाहती है ‘जहां हर नागरिक के अधिकार सुनिश्चित होंगे।’
युनूस ने कहा, ‘दुर्गा पूजा के दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का ‘कठिन’ काम ईमानदारी से किया है। हालांकि, किसी अवसर का जश्न मनाते समय कानून प्रवर्तन एजेंसियों का सहयोग लेना सामूहिक विफलता है।’