नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अपने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के लिए वैश्विक स्तर पर आलोचना का सामना कर रही है। वहीं उसकी पाकिस्तान से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिशें भी व्यापक चिंता विषय बनी हुई हैं। अंतरिम सरकार की तरफ से हाल में की गई दो घोषणा बताती है कि बांग्लादेश पाकिस्तान से रिश्ते गहरे करने के लिए कितना उतावला है।
यूनुस शासन ने अपने सीमा शुल्क विभाग को व्यापार संबंधों को बढ़ाने की उम्मीद में पाकिस्तानी शिपमेंट को ‘फिजिकल इंस्पेक्शन’ से बाहर रखने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा अंतरिम सरकार ने बांग्लादेशी वीजा चाहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अनिवार्य ‘सिक्योरिटी क्लीयरेंस’ की नीति में ढील दी है।
दोनों ही नीतियां जोखिम से भरी हैं और पाकिस्तानी आतंकवादियों, ड्रग सिंडिकेट और माफिया द्वारा इनका गलत इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।
बांग्लादेश के जाने-माने पत्रकार सलाह उद्दीन शोएब चौधरी ने यूनुस सरकार की ओर से पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों में किए गए बदलाव और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए ‘नियमों में ढील’ पर गहरी चिंता और आशंका जताई है।
स्थानीय दैनिक ‘ब्लिट्ज़’ में वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा, “पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अनिवार्य सुरक्षा मंजूरी को अचानक वापस लेकर और पाकिस्तानी माल को सीमा शुल्क निरीक्षण से छूट देकर, यूनुस शासन ने उपमहाद्वीप में आतंकियों की घुसपैठ के लिए एक खुला रास्ता बना दिया है।”
चौधरी ने लिखा, “सुरक्षा और सीमा शुल्क जांच को जानबूझकर हटाने से न केवल पाकिस्तानी नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत के क्षेत्रीय प्रभुत्व और वैश्विक प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचेगा।” उन्होंने अमेरिका-पाकिस्तान के ‘गठबंधन’ पर अपने फायदे के लिए बांग्लादेश को अराजकता में धकेलने के लिए सनसनीखेज आरोप लगाए।
संकटग्रस्त बांग्लादेश को पाकिस्तान की तरफ से 30,000 किलोग्राम चीनी भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके जरिए देश में ड्रग्स और आतंकवादी घुस आएंगे, जो पहले से ही ‘नाकाम’ हो रहे देश को एक और झटका देंगे।
वरिष्ठ पत्रकार ने विस्फोटक आरोप लगाते हुए कहा, “एक ऐसा देश जिसकी अपनी कोई साख नहीं है, बांग्लादेश को चीनी निर्यात कर रहा है। चीनी आपूर्ति की आड़ में, वह 30,000 किलोग्राम चीनी में 300 किलोग्राम कोकीन की खेप छिपाकर भेज रहा है।”
चौधरी ने योजनाबद्ध तरीके से बांग्लादेश को नष्ट करने की ‘साजिश’ रचने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके डीप स्टेट पर भी तीखा हमला किया।
पत्रकार ने रेखांकित किया, “बांग्लादेश में अराजकता और अव्यवस्था के पीछे जो बाइडेन के नेतृत्व वाला अमेरिकी प्रशासन और उसकी डीप स्टेट जिम्मेदार है। बाइडेन सरकार, जॉर्ज सोरोस जैसे निवेशकों सहित प्रभावशाली डीप स्टेट ने बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलीभगत की है।”
चौधरी ने कहा, “हमारे देश में पाकिस्तानी नागरिकों और पाकिस्तानी उत्पादों को दी जा रही अहमियत को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। देश को लंबे समय तक संकट में रखने के लिए ड्रग्स की सप्लाई के जरिए बांग्लादेशी युवाओं को गुमराह करने और उन्हें पटरी से उतारने के लिए खास तरीका अपनाया जा रहा है।”
पत्रकार ने कहा कि एक बांग्लादेशी नागरिक के रूप में, वह देश के पतन को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद अपने देश पर लगने वाले प्रतिबंधों के बारे में भी आशंका व्यक्त की।
चौधरी ने कहा, ‘मैं ईमानदारी से मानता हूं कि नई अमेरिकी सरकार चरमपंथी शासनों पर कठोर कार्रवाई करेगी और बांग्लादेश उनमें से एक हो सकता है। मुझे दंडात्मक शुल्क, यात्रा पाबंदियों और कुछ व्यक्तियों पर प्रतिबंधों का डर है।”
विशेष रूप से, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच ‘व्यापार और मानव’ संबंधों में ढील ऐसे समय में आ रही है जब बांग्लादेश खुद बढ़ते चरमपंथ और कट्टरपंथ से जूझ रहा है। वहीं यूएई और कुवैत सहित कई मुस्लिम देशों ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सख्त वीजा प्रतिबंध जारी रखे हैं।