उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर मायावती ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से सख्त कार्यवाई ती मांग की है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर हुई कई तरह के गलत व्यवहार पर अपनी बात कही। आइये जानते हैं मायावती ने क्या कुछ कहा है?

दलितों पर हो रहे अन्याय-अत्याचार पर बोली मयावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कहा कि केंद्र व सभी राज्य सरकारें दलितों पर हो रहे अन्याय-अत्याचार और इनके महान संतों, गुरुओं तथा महापुरुषों के अनादर-अपमान की घटनाओं को गंभीरता से लेकर सख्त कार्रवाई कर इन्हें रोकें, वरना इन वर्गों के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। बसपा प्रमुख ने अपने आधिकारिक एक्‍स खाते पर कहा संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर इस बार देश के कई राज्यों में उनकी प्रतिमा का अनादर किया गया।

इस मौके पर हुए कार्यक्रम या निकाले गए जुलूस पर सामंती तत्वों के हमलों में अनेक लोगों के हताहत होने की घटनाएं अति-शर्मनाक हैं। यह घटनाएं सरकारों के दोहरे चरित्र का प्रमाण हैं।’’ अपने सिलसिलेवार पोस्ट में मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुरैना में आंबेडकर जयंती पर जुलूस के दौरान दलित की हत्या और कई लोगों के घायल होने की घटना अति-निन्दनीय है। उन्होंने कहा ‘‘दोषियों के विरुद्ध अभी भी सख्त कार्रवाई नहीं किये जाने से राज्य सरकार संदेह के घेरे में है।

 उन्‍होंने कहा कि केंद्र व सभी राज्य सरकारें दलितों पर ऐसे हो रहे अन्याय-अत्याचार, इनके महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के अनादर-अपमान की घटनाओं को सख्त कार्रवाई कर रोकें, वरना इन वर्गों के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। बसपा प्रमुख ने दलितों को आगाह करते हुए कहा कि ऐसी जातिवादी घटनाओं से स्पष्ट है कि केन्द्र व राज्य सरकारें बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की जयंती आदि पर जो कार्यक्रम आयोजित करती हैं, वह सब दलितों के वोट की खातिर पूर्णतः छलावा है। उन्होंने कहा ‘‘ दलित समाज ऐसे दोहरे चाल, चरित्र व चेहरे वाली पार्टियों से जरूर सावधान रहें।

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