उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को लोगों से बधिर-दृष्टि बाधित व्यक्तियों की जरूरतों के प्रति ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ होने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें भी सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए। बधिर-दृष्टि बाधित व्यक्ति वे होते हैं जो देखने और सुनने का अनुभव करते हैं तथा दुनिया को एक अनोखे तरीके से समझते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप प्रतिभाशाली हैं। हमारी पीढ़ी के सबसे महान वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग दिव्यांग थे। हेलेन केलर को बोलने और सुनने में दिक्कत थी, लेकिन वह महानतम लेखकों में से एक बन गईं। मैं अपने देश में हर जगह स्टीफन हॉकिंग और हेलेन केलर को देखता हूं।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह समूह सभी के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन का स्रोत है। चेन्नई स्थित राष्ट्रीय बहुदिव्यांगता जन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीएमडी) के तत्वावधान में बधिर-दृष्टि बाधित पर केंद्रित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने ये बातें कहीं।

उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमें उनकी आवश्यकताओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना चाहिए, हमें एक ऐसी प्रणाली सुनिश्चित करनी चाहिए जो निर्बाध, सकारात्मक और उत्पादक हो। उन्हें अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए।

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