कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी टिप्पणी को लेकर फिर सवाल किया और पूछा कि ऑपरेशन के दौरान कितने भारतीय विमान खो गए। एक्स पर एक पोस्ट में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जयशंकर की चुप्पी को निंदनीय बताया। राहुल ने लिखा कि विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सिर्फ़ बयानबाजी नहीं है, यह निंदनीय है। इसलिए, मैं फिर से पूछूंगा- हमने कितने भारतीय विमान खो दिए क्योंकि पाकिस्तान को पता था? यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था और देश को सच्चाई जानने का हक है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के बयान के बाद पाकिस्तान और पूरी दुनिया में हमारी खिल्ली उड़ रही है। इसलिए राहुल गांधी बार-बार कह रहे हैं कि आपको जवाब देना चाहिए कि आपने पाकिस्तान को जो चेतावनी दी थी, उससे देश को क्या नुकसान हुआ? हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि देश के कितने विमान गिरे, देश को क्या नुकसान हुआ और कितने आतंकवादी बच निकले?

राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान पर कुछ सवाल पूछे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग देशों में एक बात दोहराते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाने में मध्यस्थता की। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने एक बहुत खौफ़नाक बात यह भी बोली कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा, प्रधानमंत्री चुप रहे। विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा। खेड़ा ने दावा किया कि हमें नहीं मालूम कि अमेरिका और चीन के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री और भाजपा के नेताओं के ऐसे कौन से राज हैं, क्योंकि इनका कभी अमेरिका और चीन के आगे मुंह नहीं खुलता। जब भी मुंह खुलता है तो सीधा क्लीन चिट देने के लिए खुलता है। उनका कहना था, पूरे देश और दुनिया को मालूम है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका रही है और अमेरिका ख़ुद इस युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका आगे बढ़-चढ़कर बता रहा है, लेकिन जयशंकर जी का मुंह नहीं खुलता। खेड़ा ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने जो किया है, उसे कूटनीति नहीं, बल्कि मुखबिरी कहा जाता है।

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