भारत में जासूसी की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है। यह मामला ज्योति जासूसी केस से जुड़ा हुआ है, जिसके बाद देश के कई हिस्सों से 15 से ज्यादा जासूस पकड़े जा चुके हैं। पूछताछ के दौरान कई चौकाने वाली बातें सामने आई हैं। ताजा मामला वाराणसी का है, जहां यूपी एटीएस ने एक ऐसे जासूस को गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान की महिला एजेंट के प्रेम जाल में फंसा था और भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश में शामिल था। इस आरोपी का नाम मोहम्मद तुफैल है।
तुफैल हनी ट्रैप में फंसकर आईएसआई के जाल में पकड़ा गया
मिली जानकारी के मुताबिक, तुफैल सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की नफीसा नाम की महिला से मिला। नफीसा ने खुद को एक सामान्य लड़की बताया, लेकिन असल में वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सीनियर हैंडलर थी। नफीसा ने तुफैल को अपने हनी ट्रैप में फंसाया और उसे रोज भारत के संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें, वीडियो भेजने के लिए कहा। तुफैल ने नफीसा की बात मानी और अपने मोबाइल की जीपीएस लोकेशन भी हमेशा ऑन रखनी शुरू कर दी। नफीसा तुफैल को प्यार भरे संदेश भी भेजती थी, जिसमें वह कहती थी, “तुमसे दिन में जितनी बार बात करूं, मन नहीं भरता, जहां भी जाओ वहां की तस्वीर भेजो।” इस प्रेमजाल में फंसकर तुफैल धीरे-धीरे जासूस बनने के साथ-साथ आतंक की मानसिकता का भी शिकार हो गया।
तुफैल ने कट्टरपंथी नेटवर्क चलाकर युवाओं को भड़काने का किया काम
पुलिस की जांच में पता चला कि तुफैल खुद को ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘हदीस’ के लिए लड़ने वाला सिपाही बताता था। उसकी सोच कट्टरपंथ से इतनी प्रभावित हो गई थी कि वह अन्य युवाओं को भी इस मुहिम से जोड़ने लगा था। उसके फोन से लगभग 800 पाकिस्तानी नंबर मिले हैं और वह 19 व्हाट्सएप ग्रुप्स का संचालन करता था। इन ग्रुप्स में वाराणसी और आजमगढ़ के युवा शामिल थे, जिन्हें वह पाकिस्तानी मौलाना साद के वीडियो भेजकर भड़काता था। तुफैल की नफीसा से बातचीत में वह बार-बार दिल्ली, वाराणसी और अन्य महत्वपूर्ण जगहों से वीडियो भेजने को कहती थी। इसके जरिए आईएसआई भारत के संवेदनशील इलाकों की जानकारी जुटा रही थी। इसके अलावा तुफैल को देश के युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने का काम भी सौंपा गया था।
तुफैल की कट्टरपंथी बैठकों और उग्र विचारों की जांच जारी
जांच में यह भी सामने आया है कि तुफैल कई सालों से मजलिस के नाम पर कन्नौज, हैदराबाद और पंजाब जैसे राज्यों में कट्टरपंथी बैठकों में शामिल होता रहा है। उसकी मोबाइल चैट्स में बाबरी विध्वंस का बदला लेने जैसे उग्र विचार भी पाए गए, जिनका इस्तेमाल युवाओं को भड़काने के लिए किया जाता था। हालांकि, कई चैट्स उसने डिलीट कर दी थीं। यूपी एटीएस अब तुफैल के मोबाइल डेटा की रिकवरी कर रही है ताकि इस साजिश के हर पहलू का पता लगाया जा सके। लखनऊ की कोर्ट में तुफैल की रिमांड के लिए भी तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच, एक और जासूस हारून के पाकिस्तानी कनेक्शन की भी जांच तेज कर दी गई है।