राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने पुणे में एक कार्यक्रम में वामपंथियों की सोच और उनकी इकोसिस्टम पर जमकर निशाना साधा। मोहन भागवत ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों से उनके प्राइवेट पार्ट्स (निजी अंगों) के बारे में पूछना वामपंथी इकोसिस्टम का असर और उनकी सोच है।

उन्होंने कहा कि प्री-स्कूल के छात्रों को उनके निजी अंगों के बारे में सिखाया जाने लगा है, स्कूलों में बच्चों से उनके निजी अंगों के बारे में पूछा जा रहा है..देखिए उनकी सोच कहां तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि वामपंथियों को अपनी इस दुष्ट प्रवृत्ति पर गर्व भी है।

मोहन भागवत पुणे में एक मराठी पुस्तक “जागला पोखरनारी डेवी वालवी (दुनिया को कमजोर करने वाले वामपंथी दीमक)” के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।

मोहन भागवत ने कहा, “मैंने गुजरात में एक स्कूल का दौरा किया था, जहां एक शिक्षक ने मुझे एक किंडरगार्टन स्कूल का निर्देश मैनुअल दिखाया। इसमें कहा गया है कि कक्षा में, शिक्षकों को यह पता लगाना है कि, ‘क्या केजी -2 के छात्र अपने निजी अंगों के नाम जानते हैं’। आप लोग देखिए वामपंथी सोच कहां तक पहुंच गई है, ऐसा लोगों की मदद के बिना संभव नहीं है। इस तरह के हमले हमारी संस्कृति से जुड़ी सभी चीजों पर किए जा रहे हैं।”

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