नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता झूठा डर पैदा करके जम्मू-कश्मीर के हिंदू मतदाताओं को ‘‘डराना’’ चाहते हैं और इसलिए अपना चुनाव अभियान जम्मू पर केंद्रित कर रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा यह दावा करके लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है कि यदि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आया तो आतंकवाद फिर से सिर उठा लेगा।
अब्दुल्ला ने आरोप लगाया, ‘वह (भाजपा) हिंदू समुदाय को डराना चाहती है। उन्हें लगता है कि हिंदू उन्हें वोट देंगे, लेकिन आज हिंदू बदल गए हैं। पहले उसने (भाजपा ने) राम के नाम पर वोट मांगे और अब वे उन्हें डराना चाहते हैं।’ वह नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की 42वीं पुण्यतिथि पर नसीमबाग में स्थित समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (संविधान के) अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया लेकिन क्या आतंकवाद खत्म हो गया? आतंकवाद दोबारा सिर उठा रहा है और इसकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की है।’ अब्दुल्ला इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर को नजरअंदाज करते हुए जम्मू में चुनाव प्रचार क्यों कर रहे हैं।
जम्मू की अपनी यात्रा के दौरान शाह द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन की आलोचना किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बस अपनी पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे। अब्दुल्ला ने कहा, ‘लेकिन, अल्लाह ने चाहा तो वे सफल नहीं होंगे। हमारे प्रयास हमारे लोगों की भलाई के लिए काम करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे। गृह मंत्री हमारे बारे में जितना चाहें उतना बोल सकते हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जो भारत वे बनाना चाहते हैं हम उसके खिलाफ हैं। भारत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध सभी का है।’
उन्होंने कहा, ‘हम घुसपैठिए नहीं हैं। हम मंगलसूत्र नहीं छीन रहे हैं। भारत की आजादी में मुसलमानों का भी बराबर का योगदान रहा।’ राज्य का दर्जा बहाल करने पर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन इसे वापस दिलाएगा। जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र पर उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक जुमला है।