अयोध्या: उत्तर प्रदेश की गोसाईगंज विधान सभा से अपना दल भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को फर्जी मार्कशीट मामले में हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। पूर्व विधायक खब्बू तिवारी की याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज करते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पुलिस ने तिवारी को जेल भेज दिया है। दरअसल, गोसाईगंज के विधायक रहे खब्बू तिवारी, फूल चंद्र यादव व कृपा निधान तिवारी को दोषी मानते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह फैसला अपर जिला जज तृतीय रही पूजा सिंह की अदालत में 18 अक्टूबर 2021 को हुआ था।
आरोप है कि इंद्र प्रताप तिवारी फर्जी अंकपत्र के सहारे अगली कक्षा में प्रवेश लिया था। मामले की जब जानकारी साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. यदुवंशी राम त्रिपाठी को हुई तो उन्होंने राम जन्म भूमि थाने में 14 फरवरी 1992 को तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि फूलचंद यादव बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा में फेल थे। इन्होंने पास होने के लिए बैक पेपर की परीक्षा दी लेकिन उसमें भी पास नहीं हुए। फर्जी मार्कशीट के जरिए बीएससी भाग दो में प्रवेश लिया। इंद्र प्रताप तिवारी ने 1990 में बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी लेकिन वह सफल नहीं हुए। उन्होंने फर्जी अंकपत्र के सहारे 8 दिसंबर 1990 को बीएससी भाग तीन में महाविद्यालय में प्रवेश लिया। था।
इसकी जानकारी होने पर उन्होंने इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू को कारण बताओ नोटिस दिया। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया तो प्राचार्य ने प्रवेश निरस्त कर दिया। साथ ही उनके छात्र संघ मंत्री के चुनाव को भी कैंसिल कर दिया। इसी तरह कृपा निधान तिवारी ने 1989 में एलएलबी की परीक्षा दी लेकिन वह फेल हो गए और उन्होंने फर्जी अंकपत्र के सहारे एलएलबी द्वितीय वर्ष में 11 मार्च 1991 को प्रवेश लिया। जानकारी के बाद इन्हें भी महाविद्यालय ने कारण बताओ नोटिस दिया।
उन्होंने बताया कि जब कोई जवाब नहीं आया तो उनका द्वितीय वर्ष में प्रवेश निरस्त कर दिया गया। इस मामले में तीनों लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूट रचना के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। अपर जिला जज पूजा सिंह ने तीनों को दोषी पाते हुए सजा दी थी। इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया था। कृपा निधान तिवारी व फूलचंद यादव को उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ से जमानत मिल गई थी। वहीं खब्बू की जमानत उच्च न्यायालय से खारिज हो गई थी। बाद में करीब छह माह पहले सुप्रीम कोर्ट से इनको जमानत मिली थी। उन्होंने सजा के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने सजा की अपील को खारिज कर दिया। आज उन्हें कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।