दरअसल आरोप है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के एक्टिविस्ट ने पुणे स्थित डीवाई पाटिल हाई स्कूल के प्रिंसिपल के साथ मारपीट की थी, जिसके बाद फटी शर्ट और पैंट में प्रिंसिपल के भागने का वीडियो सामने आया था, जोकि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।

वीडियो में सुना जा सकता है कि लोग हर-हर महादेव का नारा लगा रहे हैं। इस घटना की निंदा करते हुए शशि थरूर ने कहा कि यह शर्मनाक है, आखिर किसने बजरंग दल को इस हिंसा का अधिकार दिया और क्यों इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। आखिर इन लोगों की हिम्मत कैसे हुई यह कहने की कि ये हिंदुत्व के रक्षक हैं। कोई भी भद्र हिंदू इस तरह की हरकत नहीं करेगा।

रिपोर्ट के अनुसार हमलावर कई बच्चों के माता-पिता के साथ स्कूल पहुंचे थे। इन लोगों की दो शिकायत थी, पहली यह कि लड़कियों के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरा लगा था। दूसरी यह कि बाइबल से प्रार्थना की जाती थी और हिंदू पर्व पर छुट्टी नहीं दी जाती थी।

तेलगांव एमआईडीसी के पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत सावंत ने बताया कि अभिभावकों की शिकायत के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उनका आरोप है कि लड़कियों के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरा लगा है। हिंदू पर्व पर छुट्टी नहीं दी जाती है, बाइबिल से प्रार्थना कराई जाती है।

एक अभिभावक ने बताया कि जब भी कोई माता-पिता इस मुद्दे को उठाते थे तो प्रिंसिपल और अन्य शिक्षक छात्रों को प्रताड़ित करते थे। वहीं ब्लॉक एजूकेशन अधिकारी एसआर वालुंज का कहना है कि जब वह स्कूल गए तो वहां उन्हें छात्राओं के वॉशरूम में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं दिखा, लेकिन स्टाफ ने इस बात को स्वीकार किया है कि यहां पर एक कैमरा था, जिसे हटा दिया गया है। वहीं मैनेजमेंट का कहना है कि हमे सीसीटीवी कैमरे की कोई जानकारी नहीं है।

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