भारतीय महिला हॉकी टीम इस साल उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रही है लेकिन मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने सोमवार को वादा किया कि उनकी खिलाड़ी एक ‘नई टीम’ के रूप में खेलेंगी और 11 नवम्बर से यहां शुरू होने वाली एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान प्रशंसकों को निराश नहीं करेंगी।
इस साल अप्रैल में भारत के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहने के बाद मुख्य कोच नियुक्त किए गए हरेंद्र ने कहा कि टीम ने खिताब जीतने के लक्ष्य के साथ ‘सर्कल’ में अपने संयोजन और निर्णय लेने पर काम किया है।
मेजबान टीम के यहां पहुंचने के बाद हरेंद्र ने कहा, ‘प्रत्येक टीम ट्रॉफी जीतने के लक्ष्य के साथ आएगी और हमने पिछले पांच महीने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी को ध्यान में रखते हुए तैयारी में बिताए हैं। हमने सर्कल में संयोजन और निर्णय लेने जैसे क्षेत्रों की पहचान की जिसमें सुधार की जरूरत है और उन पर काम किया है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि हॉकी प्रशंसकों को इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम का एक नया पक्ष देखने को मिलेगा और वे निराश नहीं होंगे।’
टूर्नामेंट का आयोजन 11 से 20 नवम्बर तक किया जाएगा और इसमें मौजूदा चैंपियन भारत के अलावा पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता चीन, जापान, कोरिया, मलयेशिया और थाईलैंड की टीम भाग लेगी। भारत अपना अभियान 11 नवम्बर को मलयेशिया के खिलाफ शुरू करेगा।
टीम इसके बाद 12 नवम्बर को कोरिया के खिलाफ खेलेगी। मेजबान टीम एक दिन के आराम के बाद थाईलैंड (14 नवम्बर), चीन (16 नवम्बर) और फिर जापान (17 नवम्बर) से भिड़ेगी।
शीर्ष चार टीम 19 नवम्बर को खेले जाने वाले सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। फाइनल 20 नवम्बर को होगा। कप्तान सलीमा टेटे ने कहा कि टीम ने बेंगलुरू में अपने प्रशिक्षण सत्रों के दौरान अंतिम तीसरे हिस्से में सुधार करने पर काम किया।
उन्होंने कहा, ‘हम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए साइ बेंगलुरू में कड़ी ट्रेनिंग कर रहे थे। पिछले मुकाबलों में हमें पिच के अंतिम तीसरे भाग में चुनौतियों का सामना करना पड़ा था इसलिए हमने उस क्षेत्र में सुधार करने पर काफी ध्यान दिया है।’