प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘एक वर्ष-परिणाम उत्कर्ष’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मंगलवार को राजस्थान का दौरा करने वाले हैं। इस यात्रा के संबंध में पीएमओ ने भी जानकारी साझा की है। पीएमओ के अनुसार, इस कार्यक्रम के दौरान वह 46,300 करोड़ रुपये से अधिक की कम से कम 24 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। यह कार्यक्रम राज्य सरकार के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। आज जयपुर में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा उनमें ऊर्जा, सड़क, रेलवे और जल क्षेत्र शामिल हैं।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की नौ परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें सात केंद्र सरकार की और दो राज्य सरकार की परियोजनाएं शामिल हैं। विज्ञप्ति में बताया गया है कि वे 35,300 करोड़ रुपये से अधिक की 15 परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे, जिनमें नौ केंद्र सरकार की और छह राज्य सरकार की परियोजनाएं शामिल हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस कार्यक्रम के दौरान जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, उनमें नवनेरा बैराज, स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन नेटवर्क और एसेट मैनेजमेंट सिस्टम परियोजनाएं, भीलड़ी-समदड़ी-लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ खंड का रेलवे विद्युतीकरण और दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड अलाइनमेंट (NH-148N) का पैकेज 12 (SH-37A के जंक्शन तक मेज नदी पर प्रमुख पुल) शामिल हैं। ये परियोजनाएं लोगों के लिए आवागमन को आसान बनाने और प्रधानमंत्री के हरित ऊर्जा के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगी।
प्रधानमंत्री 9,400 करोड़ रुपये की लागत से रामगढ़ बैराज और महलपुर बैराज के निर्माण तथा नवनेरा बैराज से चंबल नदी पर एक जलसेतु के माध्यम से बीसलपुर बांध और ईसरदा बांध तक पानी पहुंचाने की प्रणाली की आधारशिला रखेंगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सरकारी कार्यालय भवनों पर छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने, पूगल (बीकानेर) में 2000 मेगावाट (MW) के सौर पार्क और 1000 मेगावाट (MW) के दो चरणों के सौर पार्क के विकास, तथा सैपऊ (धौलपुर) से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामन-पहाड़ी और चंबल-धौलपुर-भरतपुर तक पेयजल संचरण लाइन के रेट्रोफिटिंग कार्य का शिलान्यास भी करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि लूनी-समदड़ी-भीलड़ी डबल लाइन, अजमेर-चंदेरिया डबल लाइन और जयपुर-सवाई माधोपुर डबल लाइन रेलवे परियोजनाओं के साथ-साथ अन्य ऊर्जा संचरण से संबंधित परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया जाएगा।