भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी को निशाना बनाए जाने की घटना के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनका पुरजोर बचाव किया है। थरूर ने मिसरी के खिलाफ ऑनलाइन हमलों को बेतुका करार दिया और इस अनुभवी राजदूत की प्रशंसा की कि उन्होंने हाल के भारत-पाकिस्तान संबंधों में सबसे तनावपूर्ण क्षणों में से एक को धैर्यपूर्वक और प्रभावी ढंग से संभाला।
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर एक शीर्ष अधिकारी और उनके परिवार को लेकर कथित रूप से ‘शर्मनाक, आपत्तिजनक और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ व्यक्तिगत हमले किये जाने के बावजूद चुप है। यादव ने कहा कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इस तरह के हमले देश के लिए अथक परिश्रम करने वाले ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिरा सकते हैं।
यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं। ये बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा सरकार, न ही उनका कोई मंत्री सामने आकर ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के खिलाफ किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।” उन्होंने कहा, “ऐसे पोस्ट और बयानों से दिन-रात एक करके देश के लिए समर्पित रहने वाले सत्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है।” यादव ने एक खबर भी पोस्ट की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का जिक्र है।