उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरयावा थाना क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर के पुजारी की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुजारी की गला रेत कर हत्या करने के मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ), एक उपनिरीक्षक समेत कुल 4 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार सुरयावा थाना क्षेत्र के बावन बीघा तालाब पर बने प्राचीन हनुमान मंदिर में यह घटना हुई, जहां मंदिर परिसर में बने एक कमरे में मंदिर के पुजारी रहते थे।

मिली जानकारी के मुताबिक, अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) तेज वीर सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह जब कुछ लोग मंदिर में पूजा पाठ करने गए तो परिसर में पुजारी सीताराम (75) को न पाकर उनके कमरे में जाकर देखा तो उनकी लाश पड़ी थी। पुजारी की गला रेत कर हत्या की गई थी। एएसपी ने बताया कि सीताराम बिहार के किसी स्थान से करीब 30 साल पहले यहां आये थे और स्थानीय लोगों ने उनको मंदिर की देख-रेख के साथ पूजा-पाठ की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब से वह इसी मंदिर में रह रहे थे।

स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर के पास कुछ अराजक तत्वों का जमावड़ा होने और कई बार मंदिर में घंटा, दानपात्र से चोरी की शिकायत पुजारी ने की थी। आज भी कई घंटा और दानपात्र गायब होने की बात सामने आई है। एएसपी सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर शीर्ष अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि पुजारी का गला रेते जाने पर खून सूख गए हैं, ऐसे में यह अंदेशा है कि उनकी हत्या कई घंटे पहले की गई है। एएसपी ने कहा कि एक टीम को मामले की जांच का काम सौंपा गया है।

भदोही की पुलिस अधीक्षक (एसपी) मीनाक्षी कात्यायन ने देर शाम बताया कि मंदिर में कई बार बार चोरी होने के साथ अराजक तत्वों के मंदिर परिसर में जमावड़े को लेकर मृतक पुजारी ने शिकायत की थी, जिसमें सुरयावा के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बृजेश सिंह, उप निरीक्षक राम धनी यादव और आरक्षी मनोज सिंह व अशोक यादव की भारी लापरवाही सामने आई। इसकी वजह से चारों को सोमवार देर शाम निलंबित कर दिया गया है। कात्यायन ने बताया पुजारी की हत्या करने की वारदात का खुलासा करने को पांच टीम गठित की गई हैं।

 

 

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