साइफर मामले में इमरान के करीबी और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को भी सज़ा मिली है। कुरैशी को भी 10 साल की जेल की सज़ा दी गई है।

साइफर मामला पाकिस्तान के सीक्रेट डेमोक्रेटिक डॉक्यूमेंट्स के लीक होने से जुड़ा है। इमरान और शाह महमूद दोनों पर ही पाकिस्तान के सीक्रेट डेमोक्रेटिक डॉक्यूमेंट्स को लीक करने का आरोप है।

पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं। इमरान भी चुनाव लड़कर फिर से सत्ता में आना चाहते हैं। पर चुनाव से पहले पाकिस्तान की अदालत का यह फैसला उनकी चुनावी उम्मीदों के लिए बड़ा झटका है। इमरान के लिए रिहाई का रास्ता अभी बंद नहीं हुआ है। दरअसल इमरान को पाकिस्तान की एक निचली विशेष अदालत ने यह सज़ा सुनाई है। ऐसे में इमरान हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं।

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