जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे, जिनमें से 6 महाराष्ट्र के निवासी थे। अब महाराष्ट्र सरकार ने इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले राज्य के नागरिकों के परिवारों के लिए एक मानवीय और संवेदनशील निर्णय लिया है।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया फैसला न केवल राहत देने वाला है, बल्कि यह शहीदों के परिवारों के सम्मान की प्रतीक भी है। सरकार ने घोषणा की है कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार के सदस्यों को रोजगार दिलाने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार उठाएगी।

इस निर्णय का सबसे मार्मिक पहलू रहा पुणे के संतोष जगदाले की बेटी आसावरी जगदाले को सरकारी नौकरी देने का फैसला। आसावरी ने बीएससी (कंप्यूटर साइंस), एमबीए और लेबर लॉ में डिप्लोमा किया है। पहले उन्हें एक निजी संस्थान से नौकरी का प्रस्ताव मिला था, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए उन्हें राज्य सरकार में नौकरी देने की घोषणा की है।

22 अप्रैल को हुए इस आतंकी हमले में महाराष्ट्र के अतुल मोने, संजय लेले, हेमंत जोशी, संतोष जगदाले, कौस्तुभ गणबोटे और दिलीप देसले की जान चली गई थी। इसके अलावा कई अन्य पर्यटक घायल हुए, जिनमें एस. बालचंद्रू, सुबोध पाटील और शोबीत पटेल शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है। राज्य सरकार शहीद परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

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