पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सबके मनों में काफी प्रभाव डाला। इस हमले के बाद लोगों के अंदर गुस्सा है और सब लोग उन आतंकवादियों को सजा दिलाने की बात कर रहे है। इसी बीच संत प्रेमानंद महाराज ने भी अपना आक्रोश व्यक्त किया है और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात की है। 

‘निर्दोषों को पीड़ा पहुंचाने वाले किसी धर्म के अनुयायी नहीं’
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ”अगर शरीर के किसी भाग में कैंसर हो जाए तो उसे हटाकर जीवन बचाया जाता है। ठीक उसी प्रकार समाज में फैले हिंसा के तत्वों को समाप्त करना ही समाज और राष्ट्र की रक्षा का मार्ग है। जो लोग निर्दोषों को पीड़ा पहुंचाते हैं, वे किसी धर्म के अनुयायी नहीं, बल्कि अधर्म के प्रतीक हैं।” 

‘कठोर कार्रवाई की जाए’ 
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा, जो लोग किसी को पीड़ा पहुंचाते है वो अधर्मी होते है। हिंसा, पीड़ा और नाश की प्रवृत्ति रखने वाले लोग राक्षसी स्वभाव के होते हैं, ऐसे लोगों पर नियंत्रण स्थापित करना ही सच्चे धर्म की पहचान है। हमारी अपील है कि ऐसे लोगों को कठोर से कठोर सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो ये विनाशकारी साबित होंगे।
 

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