1500 PGT शिक्षकों को नियुक्ति पत्र न बांट पाने पर पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि वो अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सके।
दरअसल, सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन बीते शुक्रवार को अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे। यहां चंपई सोरेन ने कहा कि 5 माह के अपने छोटे से कार्यकाल में झारखंड के हर व्यक्ति के हित को ध्यान में रख कर बहुत से काम किये। राज्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कैबिनेट में योजनाएं पास करायीं। जनता के बीच पहुंचने का प्रयास किया और सभी समुदायों के लिए कोई न कोई योजना शुरू की। उन्होंने कहा कि जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कराई, लेकिन अफसोस है कि अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सका। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना जरूरी था। चंपई सोरेन ने कहा कि पद पर नहीं रहने का मलाल जरूर है लेकिन मैं अपने इस छोटे से कार्यकाल से संतुष्ट हूं।
नौकरी देने के मामले में चंपई सोरेन ने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति समेत कई विभागों में लंबे समय से रिक्त पड़े पदों पर बहाली प्रक्रिया निकालकर युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटने की तमन्ना थी, जो उन्होंने पूरी की। चंपई सोरेन ने कहा कि इन पांच महीने में शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग की बहाली, जनजातीय भाषा पर आधारित शिक्षकों की बहाली, स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई महत्वपूर्ण और कल्याणकारी योजनाओं को आम जनता के लिए लाया है, जो झारखंड में मील का पत्थर साबित होगा।