शमली में 100 रुपये कम होने पर एक निजी चिकित्सक के द्वारा पत्रकार को उपचार नहीं दिए जाने से, पत्रकार की हॉस्पिटल में तड़प-तड़प कर मौत हो गई… मृतक पत्रकार के भाई ने सैकड़ों पत्रकारों के साथ पैदल मार्च निकाल कर थाने पहुंचकर इस मामले में आरोपी चिकित्सक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है…

 

दरअसल आपको बता दें कि यह पूरा मामला जनपद शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र का है… शामली नगर निवासी अमित मोहन गुप्ता राष्ट्रीय सहारा पेपर के जिला इंचार्ज थे… वह करीब 30 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे थे… कल (शुक्रवार) की सुबह अमित मोहन गुप्ता कि अचानक उनके ऑफिस पर आते ही तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद वह नगर के ही कैराना रोड स्थित डॉ मुकेश गर्ग के यहां पहुंचे… जब पत्रकार इमरजेंसी काउंटर पर गए तो वहां उनसे 1000 फीस के मांगे, अमित मोहन गुप्ता ने 900 रुपये अपनी जेब से निकाल कर दे दिए और कहा कि बाकी पैसे मेरे परिजन लेकर आ रहे हैं, आप उपचार शुरू करें… आरोप है कि डॉक्टर ने बिना 100 रुपये के लिए अमित मोहन का उपचार हेतु पर्चा नहीं बनाया… घटना को तक करीब 25 मिनट का वक्त बीत चुका था…चिकित्सक के पूरे पैसे ना दिए जाने के कारण पत्रकार की हॉस्पिटल के अंदर ही तड़प तड़प कर मौत हो गई… पत्रकार की मौत के बाद जनपद के आम जनमानस में डॉक्टर के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है…शनिवार को मृतक पत्रकार अमित मोहन गुप्ता के भाई अनुराग मोहन गुप्ता ने सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों के साथ पैदल मार्च निकालते हुए कोतवाली पहुंचे और आरोपी चिकित्सक डॉ मुकेश गर्ग के विरुद्ध तहरीर दी… सभी ने एक सुर से मांग की के आरोपी चिकित्सक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए और जो भी कार्यवाही उचित होगा अमल में लाई जाए… पत्रकारों का कहना था कि मात्र 100 रुपये के लिए चिकित्सक के द्वारा किया गया है काला कारनामा चिकित्सक के भगवान रूपी दर्जे पर भी कलंक है, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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