उच्चतम न्यायालय ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल बनाने का निर्देश दिया ताकि पीड़ितों को तत्काल सहायता मिल सके।

न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चालकों के लिए काम करने के निर्धारित घंटों की व्यवस्था लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित विभागों की बैठकें बुलाने का भी निर्देश दिया।

पीठ ने कहा,‘‘ हमारे देश में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे मामले भी हैं जहां सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को तुरंत मदद नहीं मिल पाती। ऐसे भी मामले हैं जहां पीड़ितों को चोट तो नहीं लगती लेकिन वे वाहनों में फंस जाते हैं।’’

पीठ ने कहा,‘‘ हमारा मानना ​​है कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को जमीनी स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।’’ शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल बनाने के लिए छह महीने का समय दिया। यह आदेश अधिवक्ता किशन चंद जैन की ओर से दायर एक याचिका पर दिया गया, जिसमें आग्रह किया गया था कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए एक प्रोटोकॉल होना चाहिए।

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