केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि वरिष्ठ नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री’ व्यवस्था की कांग्रेस द्वारा आलोचना उसका ‘पाखंड’ दिखाती है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (संप्रग) सरकार ने संप्रग सरकार द्वारा विकसित अवधारणा को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है।

वैष्णव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राजग सरकार द्वारा लागू किये गये सुधार के इस कदम से शासन में सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘‘…‘लेटरल एंट्री’ मामले में कांग्रेस का पाखंड स्पष्ट नजर आ रहा है। ‘लेटरल एंट्री’ की अवधारणा को संप्रग सरकार ने ही विकसित किया था।’’

उन्होंने कहा कि वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) की स्थापना 2005 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार द्वारा की गई थी। वैष्णव ने कहा, ‘‘संप्रग शासन काल में एआरसी ने विशेष ज्ञान की आवश्यकता वाले पदों में रिक्तियों को भरने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी।

 

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