नोएडा में सेक्टर 10 एक औद्योगिक सेक्टर है। इसी सेक्टर की मुख्य सड़क पर एक बोर्ड लगाया गया है। इस बोर्ड पर लिखा गया है ”रामनाथ गोयनका मार्ग”। आज इस बोर्ड को पढ़कर कई नागरिक गुगल पर रामनाथ गोयनका को सर्च करते हुए नजर आए। पुरानी पीढ़ी के लोग तो अच्छी तरह जानते हैं कि रामनाथ गोयनका कौन थे। नई पीढ़ी ने उनका नाम नहीं जाना होगा। इसी कारण सर्च करने वालों में अधिकतर युवा ही शामिल थे।
दरअसल, सेक्टर 10 के मुख्य मार्ग के ढाई किलोमीटर सड़क का नाम रामनाथ गोयनका मार्ग रखा गया है। 25 जून, रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क का विधिवत उदघाटन किया है। इस अवसर पर उन्होंने देश के लिए रामनाथ गोयनका के योगदान की मुक्तकंठ से सराहना भी की थी। उदघाटन के अवसर पर बड़ी संख्या में राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। उदघाटन के बाद इस सड़क पर एक बोर्ड लगाया गया है जिस पर रामनाथ गोयनका मार्ग अंकित किया गया है।
आपको बता दें कि वर्ष 1904 में जन्मे रामनाथ गोयनका एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सलाह पर वर्ष 1932 में उन्होंने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ नामक अखबार का प्रकाशन शुरू किया था। लंबे अर्से तक यह अखबार स्वतंत्रता के आंदोलन का प्रमुख हथियार बना रहा। इस अखबार के जरिए स्वतंत्रता में आंदोलन का प्रचार प्रसार किया जाता था। भारत के आजाद हो जाने के बाद भी इस अखबार के क्रांतिकारी तेवर जारी रहे। वर्ष 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई तो रामनाथ गोयनका ने उस फैसले का कड़ा विरोध किया।
इमरजेंसी में अखबारों पर लगी पाबंदी व सेंसरशिप का उन्होंने खुला विरोध किया। सेंसरशिप में अखबारों के संपादकीय भी सरकार की मर्जी से ही प्रकाशित किए जाते थे। रामनाथ गोयनका ने ऐसे संपादकीय प्रकाशित करने से मना कर दिया। उन्होंने पहली बार यह प्रयास किया कि सरकारी संपादकीय प्रकाशित करने की बजाय अखबार का संपादकीय वाला पेज खाली रखा जाए। 5 अक्टूबर 1991 को उनका निधन हो गया। उनके द्वारा प्रेस की आजादी को लेकर किया गया संघर्ष हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो गया है। Noida News