नेपाल ने भारतीय सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा कारणों से 19 नई चौकियां स्थापित किया है। इन चौकियों पर नेपाली सशस्त्र बल की तैनाती की गई है। सुरक्षा कारणों से नेपाल में यह बड़ा कदम उठाया है। नेपाल से मादक पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। पुलिस और एसएसपी के जवानों की चेकिंग के दौरान आए दिन तस्कर पकड़े जा रहे हैं।
नेपाल ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए नेपाल से जुड़ी भारतीय सीमाओं पर 19 मई सुरक्षा चौकियां स्थापित किया है। देवीपाटन मंडल के 3 जिले बलरामपुर श्रावस्ती और बहराइच नेपाल सीमा से सटे हैं। इन तीनों जिलों की 295 किलोमीटर सीमा नेपाल बॉर्डर से सटी हुई है। इसमें कुछ नदी नाले और जंगल के बीहड़ रास्ते भी शामिल हैं। इन रास्तों से मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए नेपाल ने बड़ा कदम उठाया है। गुलेरिया में सशस्त्र बलों के तहत 13 बीओपी, एक एफओपी, एक तत्काल प्रतिक्रिया पोस्ट और एक सुरक्षा आधार शिविर हैं। नेपाल के मुख्य जिलाधिकारी नारायण प्रसाद रिसाल ने बताया कि प्रत्येक चौकी पर 20 से 25 सशस्त्र पुलिस बल के जवान तैनात हैं। भारतीय सीमा का 80 प्रतिशत भाग घने जंगलों से घिरा है। बर्दिया से लगी भारतीय सीमा पर एसएसबी की 26 यूनिटें तैनात हैं।
नेपाल में बर्दिया जिले के सशस्त्र पुलिस अधीक्षक हरक बहादुर शाही ने बताया कि सीमा पर सभी बीओपी बनने के बाद सीमा सुरक्षा, आपराधिक गतिविधियां, तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध हथियार व हथियार जैसे अपराध पूरी तरह बंद हो जाएंगे। भारत-नेपाल सीमा पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने व तस्करी पर लगाम लगाने के लिए नेपाली क्षेत्र में आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) चौकियां बनाने का कार्य वर्तमान में प्राथमिकता पर किया जा रहा है।
भारत ने पहले से ही नेपाल सीमा पर एसएसबी की 26 यूनिटें तैनात कर रखी हैं। पड़ोसी देश नेेपाल के बर्दिया जिले से जुड़ी बहराइच की 83 किलोमीटर लंबी नेपाल-भारत सीमा पर पांच एपीएफ चौकी सहित 19 सुरक्षा चौकियां बनाई गईं हैं। सशस्त्र पुलिस बल 31 नंबर बटालियन गुलेरिया के तहत मानपुरतापारा, धनुरा, टेपरी, छोटा दानफे और शंकरपुर में सीमा निरीक्षण चौकी (बीओपी) स्थापित कर वहां सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

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