पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस भूनिया ने सोमवार को विधानसभा में एक विशेष नोटिस देते हुए कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि 27 जुलाई को नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक्रोफोन उस समय ‘‘बंद’’ कर दिया गया जब वह राज्य की ओर से बोल रही थीं।
पश्चिम बंगाल के मंत्री मानस भूनिया ने सोमवार को विधानसभा में एक विशेष नोटिस देते हुए कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि 27 जुलाई को नयी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का माइक्रोफोन उस समय ‘‘बंद’’ कर दिया गया जब वह राज्य की ओर से बोल रही थीं।
ममता ने शनिवार को दावा किया था कि उनका अपमान किया गया। उन्हें नयी दिल्ली में नीति आयोग की एक बैठक में बोलने नहीं दिया गया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि उनके भाषण के पांच मिनट के भीतर ही उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया जिसके बाद वह बैठक बीच में ही छोड़कर आ गयीं।
भूनिया ने कहा कि सदन नीति आयोग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के साथ हुए व्यवहार पर नाराजगी जताता है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायकों ने मुख्यमंत्री के कथित अपमान की निंदा की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक शंकर घोष ने नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि बैठक से बाहर आने के बाद बनर्जी ने पत्रकारों से जो कहा था, उस पर विधानसभा में आधिकारिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि ममता ने जो कुछ भी कहा वह आधिकारिक नहीं था क्योंकि उन्होंने नीति आयोग की आधिकारिक बैठक के बाहर यह बात कही थी।
बाद में, भाजपा के विधायक सदन से बहिर्गमन कर गये ।