उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम नवीन पटनायक और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बैठक के बाद भाजपा ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा इसके बाद नवीन बाबू दिल्ली पहुंचे। कांग्रेसी नेता ने कहा कि अन्य राज्यों में जिस तरह से ईडी और सीबीआई छापेमारी कर रही है उस तरह से ओडिशा में नहीं हो रहा है।

अगर बीजेडी तीसरे मोर्चे में जाती है तो ईडी और सीबीआई की छापेमारी का डर है। ऐसे में बीजद कभी तीसरे मोर्चे में नहीं जाएगी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तीसरे मोर्चे की संभावना से इनकार किया था।

बीजद उपाध्यक्ष देवी मिश्रा ने कांग्रेस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बीजद एक क्षेत्रीय पार्टी है। इसलिए, पार्टी समान दूरी बनाए रखते हुए ओडिशा के हितों का समर्थन करती है। यहां तक कि जब मनमोहन सिंह सरकार सत्ता में थी, तब भी बीजद समान दूरी की नीति पर थी।

जब राज्य के हित की बात आती थी तो मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से बात करते थे। क्या उस समय बीजेडी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था? हमारी एक विशिष्ट पहचान है।

यह पिछले पांच चुनावों के साथ-साथ छठे चुनाव में भी परिलक्षित होने जा रहा है। लोग क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर बीजद पर भरोसा कर रहे हैं। किसका क्या विचार है से हमें कोई मतलब नहीं है। हमारी नीति स्पष्ट है, हम विकास को आगे ले जा रहे हैं।

प्रदेश भाजपा महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मिलता है, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के दायरे में होता है। चूंकि नवीन ने नीतीश के साथ बंद कमरे में बैठक की थी, इसलिए बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं।

लेकिन राजनीति में कौन किसके साथ होगा, इसकी स्पष्ट तस्वीर देने के लिए साहस की जरूरत होती है। इसलिए वे उनकी पार्टी का फैसला लेंगे। इसमें भाजपा के पास कहने के लिए कुछ नहीं है।

हालांकि, राज्य में आयुष्मान जैसी केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं किए जाने से मरीज परेशान हैं। प्रदेश आज खराब सुशासन का खामियाजा भुगत रहा है।