कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने एक संयुक्त बयान में पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है। पार्टी नेताओं ने नवजोत सिद्धू को ”बारूद” कहा है और कहा है कि वो पार्टी के लिए “विस्फोट” करना चाहते हैं।
लखवीर सिंह लक्खा, दविंदर सिंह घुबाया, खुशबाज सिंह जटाना और अमित विज सहित पंजाब कांग्रेस के चार नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है कि, “नवजोत सिंह सिद्धू एक बारूद हैं जो पार्टी को उड़ा सकते हैं। हम सिद्धू की नाकामी के कारण 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए। और अब वो समय आ गया है कि हम उन्हें बाहर का रास्ता दिखााए।”
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने गुरुवार (21 दिसंबर) को एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए, नवजोत सिंह सिद्धू एक ऐसे नेता हैं, जो पार्टी लाइन में विश्वास नहीं करते हैं।
कांग्रेस के करीबी सूत्रों ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। इसकी शिकायत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे को भेजी गई है।
इससे पहले विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने समानांतर सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू की आलोचना की थी और उनसे पुनर्विचार करने को कहा था।
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि, “मैं सिद्धू साहब से समझदारी के साथ काम करने की अपील करता हूं। आपको समझना चाहिए कि क्या इस समाज ने आपको सम्मान दिया है। कृपया ऐसा न करें। आपके अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान पार्टी 78 से गिरकर 18 सीटों पर आ गई। आपको और क्या चाहिए। शांत रहें और पार्टी कैडर के साथ आगे बढ़ें।”
कांग्रेस के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच जुबानी जंग तब शुरू हुई जब नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद को मजबूत करने की कोशिश में समानांतर बैठकें और रैलियां शुरू कर दीं।
पंजाब कांग्रेस के नेताओं द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन न करके अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले का भी सिद्धू ने विरोध किया था।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा था, “कुछ नेता पार्टी की आचार संहिता में विश्वास नहीं करते हैं और पार्टी को कमजोर करने पर तुले हुए हैं। इससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा। मैं अपील करना चाहता हूं कि कांग्रेस नेतृत्व को सीट बंटवारे पर कोई भी फैसला लेने से पहले लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखना होगा।”