मुजफ्फरनगर के गांव रोनी हर्जीपुर में बिना अनुमति सरकारी जमीन पर स्थापित की गई वीर शिरोमणि धीर सिंह पुंडीर की प्रतिमा देर रात हटा ली गई। जिला प्रशासन और पुलिस के 9 घंटे के प्रयास के बाद देर रात प्रतिमा हटाने पर सहमति बनी। एसएसपी के ओजस्वी भाषण के बाद ग्रामीण मान गए। प्रतिमा को फिलहाल ग्राम प्रधान की देखरेख में रखवाया गया है। अनुमति की प्रक्रिया पूरी कर अन्यत्र जगह प्रतिमा लगाई जाएगी।
शुक्रवार की रात प्रतिमा स्थल पर धरना दिया गया। नसीरपुर, रोनी हरजीपुर, बिरालसी, दूधली समेत अन्य गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। रात करीब दस बजे डीएम और एसएसपी गांव पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि महान योद्धा सबके प्रेरक हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती। कानून सबके लिए समान है। एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि प्रतिमा हटाने पर सहमति बन गई है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष ठाकुर पूरण सिंह ने कहा कि वीर योद्धा के लिए देश में दो गज जमीन नहीं है। यह देश के लोगों के लिए शर्मनाक है। धरने पर विहिप बजरंग दल के नेता अंकुर राणा ने कहा धीर सिंह हमारे पूर्वज है। उन्होंने प्रशासन के रवैये की निंदा की। साथ ही भाजपा नेता को गांव में नहीं घुसने का एलान कर दिया। बघरा आश्रम के संस्थापक स्वामी यशवीर महाराज ने कहा की धीर सिंह सनातन धर्म के योद्धा हुए हैं। उनकी प्रतिमा से ग्रामीणों को प्रेरणा मिलेगी और युवाओं को उनके साहस और शौर्य की गाथा का ज्ञान होगा।