मुजफ्फरनगर। जल नमूनों के विश्लेषण एवं निरीक्षण में पाई गई कमियों के आधार पर करीब 31 फैक्टरियों को नोटिस जारी किया गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इनपर जुर्माने की भी कार्रवाई की है। इसी के साथ खतौली के तीन लोगों पर गंगा नदी को प्रदूषित करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

नई मंडी स्थित उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय पर क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने पत्रकारों को बताया कि विभाग प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट एवं जिला प्रशासन की ओर से जिले में स्थित मुख्य जल प्रदूषणकारी उद्योगों पल्प एंड पेपर, शुगर इकाई, डिस्टिलरी आदि के संयुक्त निरीक्षण किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि गंग नहर खतौली के किनारे केमिकल युक्त पॉलिथीन की धुलाई कर गंगा नदी को प्रदूषित किए जाने पर विभाग की ओर से निरीक्षण कराया गया। जिसमें पाया गया कि गंग नहर के किनारे साजिद पुत्र जाबिर, शानु पुत्र मजाहिर और खालिद पुत्र युसुफ निवासी खतौली खुले स्थल पर शुगर मिल की चीनी के खाली कट्टे व तिरपाल आदि की धुलाई प्लांट के बाहर गड्ढों में पानी भरकर एवं गंग नहर में करते हैं। इनके खिलाफ एफआईआर कराई गई है।

क्षे़त्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि उद्योगों में प्रतिबंधित ईंधन पॉलिथीन वेस्ट का प्रयोग रोके जाने के लिए विभाग की ओर से रात में भी निरीक्षण कराए जा रहे है। दो उद्योगों में प्रतिबंधित ईंधन पॉलिथीन वेस्ट का प्रयोग पाए जाने पर 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए जमा कराया गया है। साथ ही पॉलिथीन वेस्ट का अवैध रूप से परिवहन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ पिछले एक वर्ष में लगभग 15 एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं।

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