सोमवार को फतेहपुर गांव में प्रेम यादव के अवैध निर्माण की पैमाइश के दौरान सपाइयों ने काफी बवाल किया जिसके बाद पुलिस ने सख्ती कर माहौल को शांत कराया । इसके बाद प्रशासन ने फतेहपुर गांव में धारा 144 लगा दी है। ऐसे में आज प्रेम यादव के परिजनों से मिलने आने वाले सपा प्रतिनिधिमंडल का मिलना मुश्किल ही है।
प्रतिनिधिमंडल इस पूरे मामले की रिपोर्ट बनाएगा और सपा प्रदेश कार्यालय में सौपेगा। प्रतिनिधि मंडल में ब्रहमाशंकर त्रिपाठी पूर्व मंत्री, कनकलता सिंह पूर्व सांसद, विनय शंकर तिवारी पूर्व विधायक, राधेश्याम सिंह पूर्व मंत्री, गजाला लारी पूर्व विधायक, व्यास यादव जिलाध्यक्ष शामिल रहेंगे।
देवरिया के फतेहपुर गांव में दूबे परिवार के नरसंहार के आरोपियों की मांग पर सोमवार को दुबारा पैमाइश हो रही थी इसी दौरान सपाइयों ने वहां उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया जिसके बाद अधिकारियों ने सख्ती कर स्थिति को शांत कराया।फिलहाल, फतेहपुर के अभयपुर टोला में स्थिति सामान्य हो गई है।
हालांकि, प्रेम यादव के जिस घर की पैमाइश को लेकर सोमवार को इतना हंगामा हुआ, अब उस पर बुलडोजर चलना भी तय हो गया है। फतेहपुर गांव के अभयपुर टोले में सोमवार को तहसीलदार अभय यादव ने कोर्ट लगाया। हंगामा के माहौल में नायब तहसीलदार अनिल कुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित राजस्व विभाग की 2 टीमों ने खलिहान, नवीन परती, वन और मानस इंटर कॉलेज की भूमि की नाप-जोख की।करीब सवा तीन घंटे तक चली नाप-जोख में खलिहान, नवीन परती और मानस इंटर कॉलेज की भूमि में प्रेमचंद का मकान और वन की भूमि में झोपड़ी बना होना पाया गया। टीम ने प्रेमचंद के मकान पर लाल पेंट से निशान लगाया। तहसीलदार ने देर शाम बेदखली का आदेश पारित किया। ऐसे में मकान समेत अन्य अवैध निर्माण पर प्रशासन का बुलडोजर चलना तय माना जा रहा है।
मुख्य राजस्व अधिकारी रजनीश राय ने बताया, “अवैध कब्जा के मामले में तहसीलदार रुद्रपुर ने फतेहपुर गांव में कोर्ट लगाया है। राजस्व टीमों ने सरकारी भूमि की दोबारा पैमाइश की। इसमें हत्यारोपितों के भवन और अन्य निर्माण बने हुए पाए गए। तहसीलदार ने बेदखली का आदेश जारी कर दिया है। जल्द ही अवैध निर्माण हटाए जाएंगे।”
दरअसल, फतेहपुर के अभयपुर टोले के रहने वाले दबंग मृतक प्रेमचंद यादव और उसके परिजनों पर मानस इंटर कालेज, खलिहान, नवीन परती और वन विभाग की भूमि पर 10 साल से कब्जा करने का आरोप है। भूमि पर मकान बनवा लिए गए हैं।
हत्याकांड में मारे गए सत्यप्रकाश दुबे कब्जा की शिकायत करीब 4 साल से शासन और प्रशासन से कर रहे थे, लेकिन प्रेमचंद यादव की राजस्व और पुलिस विभाग में गहरी पैठ होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजस्वकर्मियों ने झूठी रिपोर्ट लगाकर IGRS पर निस्तारण दिखा दिया।