उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की ये घटना आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। कस्बा देवबंद में पिता की डांट से क्षुब्ध 13 वर्षीय एक किशोर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। बेटे की मौत के लिए अब पिता को खुद को जिम्मेदार ठहरा रहा है और यही कह रहा कि मेरे लाल वापस आजा मैं अब तुझे कभी नहीं डाटूंगा।

एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि देवबंद निवासी शमशेर दुकान करता है। दो दिन पहले इसने अपने बेटे को दुकान का कोई सामान बाजार से लाने के लिए कहा। बेटे उमर ने सामान लाकर देने से इंकार कर दिया। इस पर गुस्साए पिता ने बेटे उमर को डांट दिया। इस डांट से क्षुब्ध होकर उमर घर पहुंचा और अपने घर की रसोई में जाकर फंदा लगा लिया। कुछ देर बाद जब परिवार के जन रसोई में गए तो 13 वर्षीय बेटे को फंदे पर लटका हुआ देखा। यह दृश्य देखकर परिवार जनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। आनन-फानन उमर को फंदे सो उतारकर डॉक्टर के पास ले जाया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने उमर को मृत घोषित कर दिया।
मनोचिकित्सक डॉक्टर अमरजीत पॉपली बताते हैं कि किशोर अवस्था में बच्चों का मन बेहद संवेदनशील होता है। बच्चों को डांटना अलग बात है लेकिन अगर आप उन्हे सिर्फ डांटते ही रहेंगे तो तो किशोर मन पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में बच्चों को अगर डांट रहे हैं तो फिर उन्हे प्यार भी करें और ये अहसास समय-समय पर जरूर कराएं कि हम उनके मित्र जैसे हैं उनके भले के लिए ही ऐसा करते हैं। कभी भी बच्चों और अभिभावकों में इतना अंतर नहीं होने देना चाहिए कि बच्चें अपने मन की बात शेयर करना छोड़ दें या ऐसा करने से डरने लगें। घटना बेहद दुखद है लेकिन आवश्यकता बच्चों से बात करने की है उनसे प्रेम करने की है और उन्हे प्रेम से समझाने का प्रयास करने की है।

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